पारिवारिक कहानी। Sad And Emotional Hindi Story | Motivational Hindi Story | Best Hindi Story | Kahaniyan 2.0

Sad And Emotional Hindi Story : मेरा नाम अलीना है मैं एक हाई क्लास फैमिली से बिलंग करती थी मेरे मम्मी पापा मुझे बहुत प्यार करते थे क्योंकि मैं उनकी पहली और एक ही बेटी थी मुझसे छोटा मेरा एक भाई था मेरे पापा को बेटियां बहुत पसंद थी इसलिए वह मेरे भाई से भी ज्यादा प्यार मुझसे किया करते थे मेरा भाई जो मुझसे पूरे 10 साल छोटा था वह अभी सिक्सथ क्लास में था जबकि मेरी पढ़ाई कंप्लीट होने वाली थी

मेरे पेरेंट्स जल्द से जल्द मेरी शादी करना चाहते थे क्योंकि मेरे साथ की लड़कियों की शादी होनी शुरू हो गई थी मेरे पेरेंट्स चाहते थे कि लड़कियों की शादी उनकी पढ़ाई कंप्लीट होने के बाद कर देनी चाहिए हमारे यहां वैसे भी शादी जल्दी कर दी जाती थी मैं खुश थी क्योंकि मेरे पेरेंट्स ने हमेशा मेरे लिए अच्छा ही फैसला किया था हमारा कोई रिश्तेदार नहीं था क्योंकि हमारे घर पर कोई आता जाता भी नहीं था

मेरे पापा ने यही बताया था कि हमारा कोई रिश्तेदार नहीं है ना तो मेरे पापा की कोई बहन थी और ना ही उनके कोई भाई थे मेरे दादा दादी तो काफी समय पहले ही इस दुनिया को छोड़ छड़कर चले गए थे शायद उस समय में पैदा भी नहीं हुई थी एक दिन हमारे यहां कुछ मेहमान आए थे यह मेहमान कौन थे मैं इन्हें नहीं जानती थी क्योंकि ज्यादातर हमारे यहां मेरे पापा के फ्रेंड्स या फिर मम्मी के फ्रेंड्स लोग ही आया करते थे या फिर मेरे मम्मी के माइ के वाले आते थे

मेरा ननिहाल बहुत दूर का था इसीलिए वह लोग भी बहुत कम हमारे घर आते थे मैंने मम्मी से पूछा था कि यह लोग कौन है तो मम्मी ने मुझे मेरे कमरे में जाने के लिए कहा था आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था जब मम्मी मुझे अपने किसी रिश्तेदार के सामने नहीं आने देना चाहती थी मैंने मम्मी से पूछा भी था कि यह कौन लोग हैं मगर मम्मी ने मुझे कुछ भी नहीं बताया और मैं खामोशी से अपने कमरे में आ गई थी

मैं भी गहरी सोच में पड़ गई थी कि ना जाने आज मम्मी ऐसा रिएक्ट क्यों कर रही थी थोड़ी देर के बाद जब वो लोग चले गए तो फिर मैं अपने मम्मी पापा के पास गई और मैंने फिर से उनसे वही सवाल किया था मेरी मम्मी मुझसे कुछ कहने ही जा रही थी जब पापा ने उन्हें हाथ का इशारा देकर खामोश रहने के लिए कहा फिर पापा ने बोलना शुरू किया था पापा कहने लगे कि बेटा हम तुमसे कुछ जरूरी बात करना चाहते हैं

मैंने कहा कि जी पापा कहिए पापा ने कहा कि बेटा हम लोग तुम्हारी शादी करना चाहते हैं तुम्हें कोई लड़का पसंद तो नहीं है ना मैंने पापा से कहा कि नहीं पापा मुझे कोई भी पसंद नहीं है आप लोग मेरे लिए जो फैसला करोगे वह अच्छा ही होगा मैं आपकी मर्जी के मुताबिक ही शादी करूंगी पापा और मम्मी मेरी इस बात पर बहुत खुश हुए थे फिर पापा ने कहा था कि बेटा मैंने तुम्हारा रिश्ता कर दिया है मैंने अपने पापा से कहा कि जी अच्छा ठीक है

तो पापा कहने लगे कि पूछो कीी नहीं कि तुम्हारा रिश्ता मैंने कहां पर तय किया है लड़का कौन है कैसा है मैंने पापा से कहा कि पापा आप लोग कभी भी मेरे लिए कुछ गलत कर ही नहीं सकते आपने जिस लड़के के साथ मेरी शादी करने का फैसला किया है वह लड़का जरूर अच्छा ही होगा पापा कहने लगे कि तुम्हारे जैसी बेटी ऊपर वाला सबको दे तुम बहुत अच्छी हो फिर मुझे पापा ने एक ऐसी बात बताई ई जिसने मुझे चौका कर रख दिया था

पापा ने कहा था कि आज जो लोग हमारे घर पर आए थे वह तुम्हारे चाचा और चाची थे पापा की बात सुनकर मुझे एक जोरदार झटका लगा था मैंने कहा चाचा और चाची वो भी मेरे पापा कहने लगे कि हां तुम्हारे चाचा चाची हमने तुमसे अपने रिश्तेदारों के बारे में यह बात छुपाई थी कि इस शहर में तुम्हारे चाचा चाची भी रहते हैं तुम्हारे चाचा मेरे ही सगे भाई हैं और उनका एक जवान बेटा भी है आज वह कई सालों बाद यहां मुझसे मिलने के लिए आए थे

और उन्होंने अपनी ख्वाहिश जाहिर की है उन्होंने कहा है कि वह अपने बेटे की शादी तुम्हारे साथ करना चाहते हैं वह बड़ी उम्मीद से यहां रिश्ता लेकर आए हैं और फिर कई सालों बाद जब मैं अपने भाई से मिला तो मैं भी इमोशनल हो गया मैंने यही सोचा कि हम दोनों भाइयों को फिर से एक हो जाना चाहिए दरअसल कुछ सालों पहले हमारी फैमिली के बीच एक बहुत बड़ी मिस अंडरस्टैंडिंग क्रिएट हो गई थी जिस वजह से तुम्हारे दादाजी ने तुम्हारे चाचा और चाची को दूसरा घर खरीद कर दे दिया था

वो लोग इस घर से अलग रहने लगे जब वह यहां से गए तो उन्होंने कभी हमें पलट कर नहीं देखा लेकिन अब जब तुम्हारे चाचा का बेटा जवान हुआ और तुम भी जवान हो गई हो तो उन्होंने सोचा कि क्यों ना हम दोनों भाई फिर से एक हो जाएं हम दोनों भाई अपने रिश्ते को मजबूत और गहरा बना लेते हैं बस यही सोचकर कि मेरे भाई के साथ मेरा रिश्ता फिर से पहले जैसा हो जाएगा क्योंकि मैं शुरू से ही अपने भाई से बहुत प्यार करता हूं वह मेरा छोटा भाई है

और मैं उससे नाराज था और वो मुझसे नाराज था मैंने तो उससे सारी नाराजगी दूर कर दी है और अपना दिल बड़ा कर लिया मैं आज भी उससे बहुत प्यार करता हूं उनकी जो नाराजगी थी वो तुम्हारे दादाजी से थी मगर मैंने हमेशा ही अपने भाई की फिक्र की है लेकिन जब भाई इस घर से अपनी पत्नी को लेकर चला गया था तब उसने मुझसे भी नाराजगी तानी जाहिर कर दी थी अब जब वह हमसे कोई संबंध रखना ही नहीं चाहता था तो इसलिए तुम जैसे-जैसे बड़ी होती गई

तो मैंने तुम्हें उनके बारे में बताया ही नहीं लेकिन मैं नहीं जानता था कि मेरा भाई एक दिन तुम्हारा हाथ अपने बेटे के लिए मांग लेगा उसने तुम्हें अभी कुछ दिन पहले एक शादी में देखा था और जब तुम्हारे चाचा को पता चला कि तुम तो उनकी ही भतीजी हो तो उन्होंने फैसला कर लिया था कि वह अपनी भतीजी को अपने घर की बहू बनाकर रहेंगे वह तुम्हें बहुत पसंद करते हैं मैं तो इस रिश्ते से बहुत खुश हूं मैं तुम्हारी मर्जी जानना चाहता था

इसलिए तुम्हें यह सब कुछ बताना बहुत जरूरी है मैंने पापा से कहा था कि पापा आप मेरी शादी जहां भी करोगे मैं खुशी-खुशी वहां पर कर लूंगी आप अगर मेरा रिश्ता मेरे चाचा जी के बेटे के साथ करना चाहते हो तो मैं वहां शादी करने के लिए बिल्कुल तैयार हूं अगर इससे मेरे चाचा जी और आपका रिश्ता पहले जैसा मजबूत होता है तो फिर यह शादी होनी बहुत जरूरी है मेरी बात सुनकर मेरे मम्मी और पापा दोनों ही खुश हुए थे

लेकिन ना जाने क्यों मेरी मम्मी थोड़ी परेशान नजर आ रही थी मेरे कमरे से जाने के बाद मम्मी और पापा काफी देर तक कमरे के अंदर कुछ बातें कर रहे थे वह लोग क्या बातें कर रहे थे यह तो मैं नहीं सुन पाई थी क्योंकि उन्होंने कमरे के दरवाजे को अंदर से बंद कर लि लिया था मगर मुझे दाल में कुछ काला लग रहा था फिलहाल मुझे मम्मी ने लड़के का फोटो दिखा दिया था एक हफ्ते के बाद मेरी उसके साथ इंगेजमेंट हो गई थी लड़का देखने में बहुत ही अच्छा था

शायद वह भी मुझे नहीं जानता था इसलिए वह भी मुझसे अनजान अनजान सा था मगर मैं बहुत खुश थी कि मेरे पापा की चॉइस बहुत अच्छी है उन्होंने मेरे लिए एक अच्छे और शरीफ लड़के को सिलेक्ट किया है मेरे चाचा चाची मतलब मेरे सास ससुर भी इस रिश्ते से बहुत खुश थे और हम दोनों का रिश्ता जुड़ने से दोनों भाई के बीच पहले जैसा ही प्यार बरकरार हो गया था मेरे चाचा जी ने मेरे पापा के साथ अब नाराजगी दूर कर दी थी

और खुशी-खुशी एंगेजमेंट का फंक्शन निपट गया था एंगेजमेंट होने के एक महीने बाद ही हम दोनों की शादी फिक्स हो गई थी आजकल के जमाने में लड़के-लड़कियों का जब रिश्ता तय हो जाता है तो वह आपस में फोन पर बात करने लगते हैं मुझे इंतजार था कि मेरा रिश्ता फरहान के साथ लग गया था वह जरूर मुझसे कांटेक्ट करने की कोशिश करेगा क्योंकि मैं उससे बात करने के लिए बेकरार हो रही थी मैं लड़की थी अपनी साइड से तो उससे बात नहीं कर सकती थी

मुझे उसकी ही तरफ से पहल होने का इंतजार था मगर उसने मुझसे बात करने की कोशिश ही नहीं की आखिरकार मैं उसकी मंगेतर होने के साथ-साथ उसकी कजिन भी थी वह चाहता तो मुझसे बात कर सकता था क्योंकि उसके लिए मेरा नंबर निकलवाना कोई मुश्किल काम नहीं था वह चाहता तो मेरे छोटे भाई से भी मेरा नंबर ले सकता था क्योंकि मेरे चाचा का घर मेरी होने वाली ससुराल थी इसलिए मैं तो वहां का आना जाना नहीं कर सकती थी

लेकिन जब से हम लोगों को पता पता चला था कि मेरे चाचा जी इसी शहर में रहते हैं और अब उनसे हमारा रिश्ता दोबारा से कायम हो गया है तो मेरे छोटे भाई ने उनके घर का आना जाना बहुत लगा लिया था फरहान तो मेरे चाचा जी का इकलौता बेटा था लेकिन चाचा जी के घर में बहुत अच्छे पेड़-पौधे थे और मेरे भाई को पेड़ पौधों का बहुत शौक था इसलिए वह चाचा जी के घर पर जल्दी-जल्दी आता जाता रहता था फिलहाल इसे इंतजार में मेरी शादी का दिन भी आ गया था

मगर फरहान ने मुझसे बात करने की कोशिश भी नहीं की थी मैंने भी इस बात को एक इग्नोर कर दिया था और सोच लिया था कि अब मेरी शादी होने जा रही है अब मैं फरहान से डायरेक्टली मुलाकात ही कर लूंगी जब शादी हो जाने के बाद मैं दुल्हन बनी अपने कमरे में बैठी फरहान के आने का इंतजार कर रही थी थोड़ी देर के बाद फरहान कमरे के अंदर आया तो काफी देर तक खामोश बैठा रहा मैं उससे बात करने की कोशिश कर रही थी

मगर वह तो बिल्कुल चुप बैठा था ना नजर उठाकर मेरी तरफ देख रहा था और ना ही मुझसे कोई बात कर रहा था मुझे उसकी यह हरकत बड़ी अजीब लगी थी मेरा दुपट्टा धीरे-धीरे नीचे सरक रहा था मैंने अपनी चूड़ियों से भरे हाथ उठाए और दुपट्टे को ठीक करने लगी इस दौरान मेरी चूड़ियों की खनखन हट की आवाज इस शांति भरे कमरे में फैल रही थी तभी उसकी नजर मेरे हाथों पर गई और उसने मेरे हाथों को अपने हाथ में थाम लिया और मेरी चूड़ियों के साथ खेलने लगा

मैं उसकी ऐसी हरकतों से अचानक घबरा गई और पीछे हटी वह मेरी तरफ देखकर कहने लगा कि क्या हुआ दुल्हन तुम मुझसे डर क्यों रही हो मेरा उससे डरना तो बनता था क्योंकि वह हरकतें ही कुछ ऐसी ही कर रहा था जैसे कोई बच्चा करता है उसकी ऐसी हरकतें देखकर मुझे उससे डर लगने लगा था मैं उससे पीछे भाग रही थी

और वह बार-बार मेरे करीब आ रहा था कुछ गलत करने के लिए नहीं बल्कि उसे मेरी चूड़ियां पसंद आ गई थी उसने जबरदस्ती मेरे हाथ पकड़े और चूड़ियां मेरे हाथ से उतार कर जमीन पर फेंकने लगा मेरी चूड़ियां टूटने लगी थी उसको देखकर मेरी आंखों में आंसू आने लगे लेकिन वह मेरी टूटी हुई चूड़ियों को देख देखकर बहुत खुश हो रहा था मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया क्योंकि ऐसे इंसान का सामना आज मैंने पहली बार किया था

जो ऐसी अजीबोगरीब हरकतें कर रहा था मेरे चेकने पर कमरे का दरवाजा बजने की आवाज आने लगी मैंने झट से दरवाजा खोल दिया और मैं अपनी सांस के गले जाकर लग गई और जोर-जोर से रोने लगी मेरी सास कहने लगी ये क्या हुआ है मैंने कहा देखिए यह फरहान कैसी अजीबोगरीब हरकतें कर रहा है मेरे हाथ से चूड़ियां उतार कर इसने जमीन पर फेंकने शुरू कर दी फरहान बार-बार मेरे करीब आने की कोशिश कर रहा था

जब उसकी मम्मी ने उसे डांटा और उसे बैड पर बैठने के लिए कहा मैं यह देखकर दंग रह गई थी कि अपनी मां की एक ही डांट पर वह बिस्तर पर जाकर बैठ गया था इतने में ही मेरी सास ने मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मार दिया और कहने लगी कि इतनी जोर-जोर से चीखने की क्या जरूरत थी शादी की पहली रात ही तुमने मेरे बेटे का मूड खराब कर दिया है अब जाओ और उसे जाकर खुश करो अपनी सास की बात पर मैं दंग रह गई थी कि वो ये किस तरह की बातें कर रही थी

मैं इस घर घर में नई नवेली दुल्हन थी और उन्होंने मुझ पर ही हाथ उठा दिया था क्या मेरी चाची ऐसी थी मुझे उनसे ऐसे रिएक्शन की बिल्कुल भी एक्सपेक्टेशन नहीं थी मैं रोती हुई कमरे के अंदर चली आई थी अब मुझे समझ आ रहा था कि फरहान कोई नॉर्मल इंसान नहीं है वह जिस तरह की हरकत कर रहा है ऐसी हरकतें तो एक एनर्मेक जैसी हरकतें कर रहा है मैं तो अपनी किस्मत पर सारी रात रोती रही थी इस बंद कमरे के अंदर मुझे रह-रह कर अफसोस हो रहा था

और फरहान से डर भी लग रहा था लेकिन वह मुझे किसी तरह का कोई नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा था मगर फिर भी मुझे अपनी किस्मत पर रोना आ रहा था कि मेरे पेरेंट्स ने मेरी शादी य कहां पर करवा दी है मैं एक ऐसे इंसान के साथ सारी जिंदगी तो नहीं गुजार सकती थी ना लेकिन अब क्या हो सकता था मेरी शादी तो इसके साथ हो चुकी थी सुबह जब मैं कमरे के बाहर गई तो मेरी सांस मुझे देख कर कहने लगी कि उठ गई

महारानी सोकर अब जल्दी से किचन संभाल लो तुम्हारे बाप की घर की तरह यहां पर तुम्हें नौकरानी या नाश्ता बनाकर नहीं देंगी तुम्हें अपने हाथ से सब कुछ बनाना होगा मैंने कहा था कि चाची जी घर में नौकरा नियां मौजूद हैं वह भी तो नाश्ता बना सकती हैं उन्होंने कहा हां लेकिन मैंने नौकरा नियों से मना किया है कि वह घर के बाकी सारे काम किया करेंगी तुम सुबह का नाश्ता और दोनों टाइम का खाना खुद बनाया करो यह बात सुनकर मैं दंग रह गई थी

क्योंकि आज आज तक कभी भी मेरी मम्मी ने मुझसे घर का कोई काम नहीं करवाया था मैं किस तरह से खाना बनाती मेरी समझ में नहीं आ रहा था किचन में जाकर मैंने चाय तो बना ली थी मगर बाकी का नाश्ता मेरी समझ नहीं आ रहा था कि किस तरह से बनाऊं इसलिए मैंने अपना मोबाइल उठाया और youtube0 ने एक बड़ी अजीब हरकत की थी मैं नाश्ता करने में बिजी हो गई थी जब मेरी सास ने मुझसे कहा कि फरहान को तुम अपने हाथों से नाश्ता खिलाओ

अपनी सास की बात सुनकर तो मैं उन्हें फटी फटी आंखों से देख रही थी कि अब यह क्या माजरा था कि फरहान को मैं अपने हाथों से नाश्ता खिलाती मेरी सास कहने लगी कि मेरे बेटे की दिमागी हालत ठीक नहीं है वो बच्चों जैसी हरकतें करता है तुम्हारी शादी हमने फरहान के साथ इसलिए करवाई है ताकि तुम मेरे बेटे का ख्याल रख सको इसीलिए उसकी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जरूरत को तुम्हें पूरा करना होगा और उसके सारे काम भी करने होंगे

उस समय मेरी आंखों में आंसू आ गए थे और मैंने फरहान को अपने हाथ से नाश्ता खिलाना शुरू किया तो फरहान किसी बच्चे की तरह मेरे हाथ से नाश्ता कर रहा था इस बीच मुझे नाश्ता करने का मौका ही नहीं मिला सब लोग उठकर जा चुके थे और नाश्ता ठंडा हो गया मुझे बहुत तेज भूख लग रही थी तो मैंने वही ठंडा नाश्ता कर लिया था मैं अपनी किस्मत पर बहुत रो रही थी कि आज ससुराल में मेरी पहली सुबह थी जो इस तरह रोते हुए गुजरी थी

मैं अपने पेरेंट से भी कुछ नहीं कह सकती थी ना नाश्ता करने के बाद मैं अपने कमरे में चली गई थी जहां पर फरहान पहले से ही बैठा हुआ था वह दीवारों पर पैन से ड्राइंग कर रहा था बिल्कुल जैसे बच्चे करते हैं मैं जैसे ही कमरे में गई तो फरहान कहने लगा कि मेरी दुल्हन आ गई यह कहकर वह जोर-जोर से हंसने लगा और तालियां बजाने लगा उसको देखकर मैं अपनी किस्मत पर अफसोस कर रही थी और मैंने रोना शुरू कर दिया था मुझे रोता हुआ देखकर फरहान कहने लगा

तुम क्यों रो रही हो दुल्हन कल से देख रहा हूं कि तुम्हारी आंखों से बार-बार आंसू निकल रहे हैं मैंने फरहान से कहा कि तुम्हारी ऐसी हालत कब से हुई है फरहान अजनबी सा होने लगा मैंने कहा जब मेरी तुम्हारे साथ इंगेजमेंट हुई थी तब तो तुम ऐसा कोई रिएक्शन नहीं दे रहे थे तो फरहान कहने लगा जब मेरी तुम्हारे साथ इंगेजमेंट हुई थी तब मुझे मम्मी पापा ने मना किया हुआ था कि वहां जाने के बाद तुम किसी से कोई बात मत करना बिल्कुल खामोश बैठे रहना

इसलिए मैं बिल्कुल खामोश बैठा रहा था उन्होंने कहा था अगर तुमने कोई भी गड़बड़ की तो तुम्हारे साथ अच्छा नहीं होगा और तुम्हें तुम्हारी दुल्हन नहीं मिलेगी तुम मेरी दुल्हन हो तुम तो मेरे साथ खेलने के लिए आई हो ना फरहान बहुत भोला था और बड़ी भोली भोली बातें करता था ना जाने क्यों मुझे फरहान से हमदर्दी होने लगी थी मैं फरहान का बहुत ख्याल रखती थी उसे किसी के साथ की जरूरत थी वह बिल्कुल बच्चों की तरह पेश आता था इसलिए वह मुझसे जैसा कहता था

 

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मैं वैसा ही किया करती थी उसको टाइम पर दवाइयां दिया करती थी मगर मेरी सांस का सुलूक मेरे साथ बिल्कुल भी अच्छा नहीं था मुझे खाना बनाना नहीं आता था और मेरी सास मुझे किचन में भेज दिया करती थी कि खाना बनाओ मैं नौकरानी से पूछ पूछ कर खाना बनाने की कोशिश करती थी तो मेरी सांस उस पर भी मुझसे गुस्सा किया करती थी कहती थी कि तुम्हारी मां ने तुम्हें कुछ सिखा करर नहीं भेजा क्या मैं एक दिन किचन में पूरियां तलने के लिए चली गई

मैंने शादी से पहले कभी पूरियां नहीं तली थी क्योंकि मुझे तो चूल्हे के पास जाते हुए भी बहुत डर लगता था लेकिन अब ऐसे सिचुएशन आ गई थी कि मुझे यहां पर रहते हुए घर के सारे काम करने पड़ रहे थे पूरियां पकाते समय मेरे हाथ पर गरम-गरम तेल आ गया था जिसकी वजह से मैं बहुत तकलीफ में थी मेरा हाथ काफी हद तक जल चुका था लेकिन फिर भी मैंने पूरियां पकाई थी क्योंकि मैं चाची जी की जली कटी बातें नहीं सुनना चाहती थी चाचा जी जो हमारे घर पर पहले आया करते थे

मेरे पापा से इतनी मोहब्बत जताया करते थे अब ना जाने उन्हें भी क्या हो गया था मैं उनकी भतीजी थी वो इस घर में रहते हुए मुझसे ना तो कभी कोई बात करते थे और ना ही चाची से कहते थे कि वह मुझ पर इतना अत्याचार क्यों करती हैं मेरी शादी को एक हफ्ता गुजरा था कि मेरा भाई मेरी ससुराल में आ गया और उसकी नजर जब मेरे जले हुए हाथ पर गई तो चाची जी ने उसको बात बना दी थी कहा था कि तुम्हारी बहन से मैंने मना किया था कि घर में इतनी सारी नौकरा नियां हैं

वो खाना बना लेंगी मगर इसे तो पूरिया पकाने का बहुत शौक आ रहा था और इसी शौक में इसने अपना हाथ जला लिया मेरा भाई कहने लगा कि दीदी यहां पर काम करने के लिए नौकरानी है तो फिर आपको काम करने की क्या जरूरत है अब मैं अपने भाई को क्या बताती कि मैं यहां पर किस जुल्म के शिकार हो रही थी मेरे भाई ने कहा मैं जीजू से मिलना चाहता हूं लेकिन अजीब बात यह थी कि मेरी सास और मेरे ससुर यह चाहते ही नहीं थे कि मेरे घर का कोई भी मेंबर मेरे पति से मिले

जब उनमें से कोई भी फरहान से मिलना चाहता था तो मेरी सास फरहान को समझा दिया करती थी कि किसी के भी सामने किसी भी बात का कोई जवाब मत देना और बस खामोशी से बैठ रहना क्योंकि अगर फरहान बोलता तो उसकी लैंग्वेज और अंदाज से ही उन लोगों को पता चल जाना था कि फरहान में कोई प्रॉब्लम है इसलिए फरहान किसी के सामने कुछ बोलता ही नहीं था जिसकी वजह से मेरे पेरेंट्स और मेरे छोटे भाई को यही लगता था कि फरहान बहुत सीधा लड़का है

लेकिन फरहान कैसा था यह तो मैं जानती थी मेरी सास ने मेरे छोटे भाई से मना कर दिया कि फरहान अभी ऑफिस गया हुआ है लेकिन फरहान तो घर में ही मौजूद था मेरी सास उसे कमरे से ज्यादा निकलने ही नहीं देती थी और फरहान के सारे काम की जिम्मेदारी उन्होंने मुझ पर ही सौंप दी थी जब मेरा छोटा भाई वहां से चला गया तो मेरी सास ने फिर से मेरे बाल पकड़कर मुझे मारना शुरू किया था एक तो पहले ही मेरा हाथ इतनी तकलीफ में था

दूसरा मेरी सास ने मुझ पर जुल्म करने शुरू कर दिए थे मेरी सास कहने लगी कि अगर अपने घर वालों में से किसी को इस बारे में कुछ बताने की कोशिश की तो अच्छा नहीं होगा और जितना हो सके अपने छोटे भाई को यहां आने से रोका करो वह जब भी यहां आने के लिए कहा करे तो अपनी मम्मी से फोन करके मना कर दिया करो कह दिया करो कि वह यहां पर ना आया करें क्योंकि जिस दिन से तुम्हारा रिश्ता यहां पर तय हुआ है उसी दिन से यह हमारे घर पर बहुत आता जाता है

और अगर तुम्हारे मां-बाप भी यहां आने के लिए कहे तो उन्हें भी कोई ना कोई बहाना बना देना वो भी यहां पर ना आए मेरी सास ने मुझसे मेरा मोबाइल भी छीन लिया था और कहती थी कि अगर तुम्हारे घर वालों का फोन आएगा तो मैं खुद तुम्हारी उनसे बात करवा दूंगी यह लोग मेरे साथ ना जाने ऐसा क्यों कर रहे थे एक दिन मैंने अपनी सास से पूछ ही लिया था कि आखिर मैंने आपका क्या बिगाड़ा है मैं तो आप लोगों को जानती भी नहीं थी आप लोग मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो तब मेरे ससुर भी मौजूद थे

और उन्होंने कहा था कि हम तुमसे अपना बदला ले रहे हैं जो कई सालों पुराना बदला है यह बात मेरी समझ में नहीं आई थी कि वह क्या कहना चाहते थे मैं अनजान नजरों से उनको देख रही थी जब उन्होंने मुझे पूरी बात बताई उन्होंने कहा कि तुम्हारा बाप जिस घर में रहता है उस घर में हमारा भी हिस्सा है तुम्हारा लालची बाप मेरे हिस्से पर भी कब्जा करके बैठा हुआ है हमें इस छोटे से घर में उसने भेज दिया और खुद इतने बड़े बंगले में रहता है जो मेरे पापा का है

मैंने चाचा जी से कहा लेकिन चाचा जी इसमें मेरी क्या गलती है तो चाचा जी कहने लगे कि तुम्हारी कोई गलती नहीं है मगर हमने तो तुम्हें अपना हिस्सा लेने के लिए एक मोहरा बनाया है अब तुम अपने बाप के घर जाओ और उससे कहो कि वो तुम्हें उस घर के कागजात दे दे जिसमें वह रह रहा है चाचा जी की बात सुनकर मैं मैं चौक गई थी मैंने कहा था कि आप यह क्या कह रहे हो चाचा जी उन्होंने कहा हां तुम्हें ऐसा ही करना होगा अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो मेरा बेटा तुम्हें डिवोर्स दे देगा

और हम सबसे यही कहेंगे कि तुम्हारी हमारे बेटे के साथ बनती नहीं थी तुमने हमारे बेटे को दवाइयां दे देकर उसका दिमाग खराब कर दिया उसे पागल कर दिया और अब तुम हमारे घर को छोड़कर जा रही हो मैं तुम्हें इतना बदनाम कर दूंगा कि तुम्हारी दोबारा कभी शादी नहीं हो सकेगी तुम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं ही रहोगी अगर तुम्हें इस घर में सुकून से रहना है तो तुम मेरा यह काम कर दो

मैंने चाचा जी से कहा था कि चाचा जी आप खुद भी तो प्यार से मेरे पापा से उस घर का हिस्सा मांग सकते थे आपको मुझे इस्तेमाल करने की क्या जरूरत थी आप नहीं जानते कि आपने मेरी जिंदगी के साथ खेला है आपने मुझे धोखा दिया है मैंने तो आप लोगों का कुछ भी नहीं बिगाड़ा था मैं तो अभी भी आपके पागल बेटे के साथ जिंदगी गुजारने के लिए तैयार हूं क्योंकि वह मुझे अच्छा लगने लगा है मुझे उसकी फिक्र होती है मगर आप लोग तो आप लोग तो मुझे इस्तेमाल करना चाहते हो

यह आपने बिल्कुल भी ठीक नहीं किया चाचा जी कहने लगे अच्छा अब ज्यादा बकवास करने की जरूरत नहीं है जैसा हमने कहा है वैसा ही करो जाओ अपने बाप के घर जाकर जो चाहे बता दो क्योंकि कुछ सालों पहले तुम्हारे बाप ने भी मेरे साथ धोखा किया था और मेरी दौलत पर आज भी कब्जा जमाए बैठा हुआ है हम अपना घर और अपनी जमीन जायदाद हासिल करना चाहते हैं मेरी सास ने मुझे बहुत बातें सुनाई थी और मुझ मुझे वो लोग मेरे माय के जाने के लिए फोर्स कर रहे थे

मैं रोते हुए अपने कमरे में आ गई थी और फूट-फूट कर रो रही थी जब मेरे हाथ पर फरहान जब मेरे हाथ पर फरहान की नजर गई तो वह कहने लगा यह तुम्हारे हाथ पर क्या हुआ है दुल्हन तो मैंने उसे कुछ नहीं बताया फरहान कहने लगा कि बताओ तुम्हारे हाथ पर क्या हुआ है और तुम हमेशा रोती क्यों रहती हो मैंने फरहान को बताया तुम्हारे घर वालों ने मेरे साथ बहुत गलत किया है वोह लोग चाहते हैं कि मैं अपने माईकी जाकर उन्हें प्रॉपर्टी के पेपर लाकर दूं

फरहान की आंखों में ना जाने क्यों उस समय आंसू आ गए थे उसने कहा था हां मेरे मम्मी पापा बहुत गंदे हैं मुझे भी प्यार नहीं करते फिर उसने मेरी आंखों से आंसू साफ किए और कहने लगा कि तुम बहुत अच्छी हो दुल्हन तुम मेरे घर वालों से तंग आ गई हो मैं जानता हूं मगर तुम प्लीज मुझे छोड़कर मत जाना तुम्हें यहां पर आए हुए अभी कुछ दिन हुए हैं मगर मुझे तुम्हारी आदत हो गई है क्योंकि तुम मेरी दोस्त बन गई हो तुम मेरा बहुत ख्याल रखती हो इतना ख्याल तो मेरी मम्मी भी नहीं रखती

वह बड़ा मासूम सा चेहरा बनाकर कह रहा था मैंने उससे कहा कि तुम फिक्र मत करो मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी फरहान बहुत अच्छा था बस वह बेचारा दिमागी कंडीशन में ठीक नहीं था उसने मुझे कभी नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की थी अगर बुरे थे तो वह थे उसके पेरेंट्स व बेचारा तो मेरी ही तरह अपने घर वालों के साथ-साथ इस्तेमाल हो रहा था हम दोनों को ही चाचा चाची ने अपनी जायदाद हासिल करने के लिए मोहरा बनाया था

इन लोगों के झंझट में आखिर हम दोनों की क्या गलती थी मेरे सास ससुर मुझे काफी फोर्स कर चुके थे और वह लोग मुझे इस घर में चैन से जीने भी नहीं दे रहे थे मैं भी चाहती थी कि मैं पूरी बात अपने मम्मी पापा को बताऊं इसलिए मैं ड्राइवर के साथ मम्मी पापा के पास आ गई थी और उन लोगों से लिपटकर बहुत रोई थी मम्मी पापा मेरा जला हुआ हाथ देखकर बहुत परेशान हुए थे और मुझसे पूछने लगे थे कि तुम्हारा यह हाथ कैसे जल गया

फिर मैंने मम्मी पापा को पूरी बात बताई और उनसे कहा कि उन्होंने मुझे यहां प्रॉपर्टी के पेपर लेने के लिए भेजा है अगर मैंने प्रॉपर्टी के पेपर्स उनको नहीं लाकर दिए तो वो लोग मुझे सब में बदनाम कर देंगे और कह देंगे कि मैं उनके बेटे को दिमागी हालत खराब करने की दवाइयां दे रही हूं जब उन्हें पता चला कि फरहान अबब नॉर्मल है तो उन लोगों को और ज्यादा गुस्सा आया था पापा कहने लगे थे कि मैं तो अपने भाई को समझता था कि वह सुधर गया मगर वह तो शुरू से ही चालाक रहा है

वह कभी नहीं सुधर सकता मम्मी कहने लगी कि मैंने तो आपसे पहले ही कहा था कि मेरी बेटी बहुत मासूम है हमें यह रिश्ता करते समय सोच लेना चाहिए मगर आपने मेरी एक नहीं सुनी और रिश्ता तैय कर दिया मेरी बेटी अब उन लोगों का शिकार हो रही है आखिरकार इस सब में मेरी बेटी की क्या गलती है मम्मी कहने लगी अगर तुम्हें अपनी बेटी का घर बसा देखना है तो प्रॉपर्टी के पेपर्स दे दो पापा कहने लगे कि नहीं मैं किसी हाल में भी प्रॉपर्टी के पेपर्स नहीं दूंगा

आखिर वह समझता क्या है खुद को मैं उस पर केस कर दूंगा कि वह मेरी बेटी को परेशान कर रहा है मैंने पापा से कहा था कि पापा आप यह क्या कर रहे हो क्या आप चाहते हो कि मेरा घर खराब हो जाए पापा कहने लगे हां बेटा तुम अपना घर खराब कर लो ऐसे घर में रहने का भी क्या फायदा जिसके मां-बाप तुम्हें परेशान करें और लड़का भी पागल हो मैंने कहा पापा नहीं मैं फरहान को वादा कर चुकी हूं कि मैं उसे छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी पापा कहने लगे कि तुम उस पागल के बातों में क्यों आ रही हो

उन लोगों ने तो तुम्हें नौकरानी बनाकर रख दिया तुम्हारा हाथ जला दिया मुझे नहीं पता था कि मेरा भाई और उसकी बीवी तुम्हारे साथ यह सब कुछ करेंगे अगर मुझे पता होता तो मैं कभी भी तुम्हारी शादी उस घर में ना करता मैंने पापा से कहा कि पापा मैं पूरी बात तो नहीं जानती मगर प्लीज आप प्रॉपर्टी के पेपर्स मुझे दे दो मैं सिर्फ फरहान की खातिर मजबूर हूं प्लीज पापा वैसे भी चाचा तो आपके भाई हैं पापा कहने लगे कि वह मेरा भाई नहीं है

उसने बचपन से लेकर अब तक कुछ भी ठीक नहीं किया बचपन में भी वह मेरे मम्मी पापा का कहना नहीं मानता था मैं एक सीधा शरीफ और पढ़ा लिखा इंसान था मैंने अपने पापा के बिजनेस को आगे बढ़ाया मैं मेहनत करके कामयाब इंसान बन गया उसने क्या किया वो तो शुरू से ही अपने अयाश दोस्तों के साथ अयाशी करता फिरता था यह घर बंगला जायदाद सब कुछ मेरी ही मेहनत की कमाई का है

जब तुम्हारे दादा ने देखा कि मेरे छोटे भाई ने इस घर में कभी कोई पैसा नहीं लगाया तो वो मेहनत करने से कोसो दूर है यह सब कुछ मेरी मेहनत की कमाई का नतीजा है तो उन्होंने अपने छोटे बेटे के लिए एक फैसला किया था जिम्मेदारी क्या होती है और कैसे निभाई जाती है वह तो तुम्हारा चाचा जानता ही नहीं था तुम्हारे दादा ने उसकी शादी करवा दी ताकि वह जिम्मेदारी समझ सके उसके बच्चे होंगे तो वह जिम्मेदारी समझने लगेगा

लेकिन शादी के बाद भी उसने किसी जिम्मेदारी को नहीं समझा था और वह हमेशा छोटी-छोटी बात पर लड़ता रहता था हमेशा अपने हक की बात करता था अपना हक मांगता था पापा ने सोचा कि आने वाले समय में हम दोनों भाइयों में लड़ाइयां हो इसलिए पापा ने उसे पहले अलग से दूसरा घर लेकर दे दी और उसे बिजनेस करने के लिए थोड़ी सी रकम भी दे दी थी वह चाहता तो उसी बिजनेस को आगे बढ़ाकर कामयाब भी हो सकता था मगर उसकी सोच ही खराब है

तुम्हारे दादा ने सोचा कि इस तरह घर में सुख शांति फैली रहेगी फिर मेरे पिता इस दुनिया से चले गए हर हिसाब से यह सब कुछ मेरी मेहनत की कमाई का है उसने तो सारी जिंदगी कुछ भी नहीं किया तो फिर मैं यह सब उसे कैसे दे दूं इतने सालों बाद उसने अपनी दुश्मनी मुझसे इस तरह निकाली है मैं नहीं जानता था कि वह मेरे पास बड़ी उम्मीद से आया था और उसने कहा था कि वह मेरी बेटी को अपनी बेटी बनाकर रखेगा लेकिन उसका बेटा पागल है

यह बात मुझे नहीं पता थी पापा कहने लगे कि मुझे माफ कर दो बेटी मैं प्रॉपर्टी के पेपर्स नहीं दे सकता यह सब कुछ मेरा है मैंने पापा से कहा था अच्छा तो ठीक है मैं चाचा जी को ऐसे ही जाकर बता दूंगी पापा मुझे रोकते रह गए थे मगर मैंने उनकी एक ना सुनी थी क्योंकि उन्होंने भी तो अपनी बेटी की बात नहीं मानी थी मेरे पापा ने एक तरह से बिल्कुल ठीक किया था क्योंकि यह सब कुछ उनकी मेहनत की कमाई थी इंसान जब मेहनत करता है तो बड़ी मुश्किल से कामयाब होता है

और जब वह एक बार कामयाब हो जाता है तो फिर उसकी सारी जिंदगी सुकून से गुजरती है चाचा जी तो शुरू से ही लालची रहे थे उन्होंने कभी मेहनत करनी नहीं जानी थी जब मेरे दादाजी ने उनको उनकी प्रॉपर्टी में से हिस्सा नहीं दिया और उन्हें अलग से घर बनवा कर दे दिया तो उन्हें सारी जिंदगी यही लगता रहा कि उनके पिता ने उनके साथ नाइंसाफी की है जबकि मेहनत ना करने वाले इंसान के लिए भी मेरे दादाजी ने उस को उसकी छत दे दी थी

यह भी उनका एक बहुत बड़ा एहसान था कानूनी तौर पर तो घर के एक-एक मेंबर के बराबर के हिस्से होते हैं लेकिन मेरे चाचा ने कभी कुछ नहीं किया था और फिर भी उनका घर अलग से दादाजी ने खरीद कर दे दिया था और बिजनेस भी करवा कर दिया था फिर भी उनकी नजर इस बंगले पर और मेरे पापा की प्रॉपर्टी पर पड़ी हुई थी मैं जब घर आई तो मेरे सास ससुर को यही लगा था कि अपनी बेटी की इतनी बुरी हालत देखकर मेरे मम्मी पापा मुझे प्रॉपर्टी के पेपर्स दे देंगे

वो मजबूर हो जाएंगे कि उनकी बेटी की डाइवोर्स ना हो और वह उसी घर में खुश रहे इसी दिन के लिए तो उन्होंने मेरी शादी अपने बेटे के साथ करवाई थी मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था उन लोगों ने कहा कि तुम्हारे बाप ने तुम्हें प्रॉपर्टी के पेपर्स नहीं दिए इसका मतलब यह है कि हमें कोई दूसरा रास्ता अपनाना होगा वह लोग यह बात अच्छी तरह से जानते थे कि मैं उनके घर को छोड़कर नहीं जाऊंगी

क्योंकि मेरी शादी उनके बेटे के साथ हो गई है और अगर मुझे इस घर में वापस नहीं आना होता तो मैं आज ही अपने घर रुक जाती और कभी यहां हां पर ना आती मेरे यहां दोबारा लौट कर आने से यह लोग समझ गए थे कि मैं अब उनके बेटे को नहीं छोड़ सकती और अगर मैं उसे छोड़कर चली गई तो वह लोग मुझे सबके सामने जलील कर देंगे जब वोह लोग मेरे साथ इस घर में इतना गलत सुलूक कर सकते थे तो वह लोग मेरी बेइज्जती भी करवा सकते थे

मुझे इस बात का डर भी था और मुझे फरहान की भी फिक्र थी ना जाने क्यों मैं धीरे-धीरे उससे अटैच होती जा रही थी मुझे उससे प्यार होता जा रहा था मैं उसका बहुत ख्याल रखती थी आखिरकार मेरा उससे दिली रिश्ता जुड़ा हुआ था वह मेरा हस्बैंड था वह पागल था तो क्या हुआ मेरे साथ उसका रिश्ता जुड़ा हुआ था उधर फरहान मुझसे एक मिनट के लिए भी दूर नहीं होता था वह कहता था कि जब तुम मेरे साथ होती हो तो मुझे बहुत अच्छा लगता है

चाची ने बचपन से ही उसे बहुत डांट डपट कर रखा था उसे मां-बाप का प्यार ठीक से नहीं मिल सका था क्योंकि मां-बाप दोनों ही लालची थे और ज्यादातर अपने लालच को पूरा करने में लगे रहते थे उन्होंने बेटा पैदा करने के बाद उस पर कभी ध्यान ही नहीं दिया उसे नौकरों के हवाले छोड़ दिया कई बार ऐसा हो चुका था कि फरहान के दिमाग पर कई बार चोट लग चुकी थी कभी ऐसा हुआ था कि वह स्कूल की सीढ़ियों से गिरते समय उसके दिमाग पर चोट लग गई थी

तो एक बार ऐसा हुआ था कि वह बीमार था और उसे अपने पेरेंट्स की सख्त जरूरत थी तो उसके पेरेंट्स ने उस पर ध्यान ना देकर उसे नौकरों के हवाले छोड़ दिया था नौकरों ने उसका ध्यान ठीक से नहीं रखा उसको तेज बुखार था उसका बुखार दिमाग पर चढ़ गया था यही वजह थी कि दिमाग पर कई बार गहरे असर होने की वजह से वह पागल सा हो गया था जब उसे ठीक इलाज की जरूरत थी तो उसके पेरेंट्स ने उस पर ध्यान नहीं दिया

लेकिन जब उन लोगों को लगा यह पानी सर से ऊपर हो चुका है हमारा बेटा अब ज्यादा ही पागलपन वाली हरकतें करने लगा है तो उन्होंने उसका ट्रीटमेंट शुरू करवाया तो पता चला कि अब इसका ट्रीटमेंट तभी सक्सेसफुल हो सकता है जब उसे ठीक से टाइम दिया जाए उसका ख्याल रखा जाए दवाइयां भी उसे ठीक कर सकती हैं मगर सबसे ज्यादा उसे किसी के अच्छे साथ की जरूरत है शुरू से ही उसके मांबा बाप ने उसे डांट डपट कर रखा था

इसलिए फरहान ना चाहते हुए भी अपने पेरेंट से ज्यादा अटैच नहीं था वोह अपने पेरेंट से बहुत डरता था उसके पेरेंट्स उसे जैसा कहते थे व वैसा ही कर लिया करता था वो बिल्कुल एक मासूम बच्चे की तरह हो गया था उसकी उम्र 27 साल थी लेकिन अभी भी वह एक छोटे बच्चे की तरह लगता था फरहान की तकलीफ का मुझे अच्छे से अंदाजा था कि उसके पेरेंट्स बिल्कुल भी अच्छे लोग नहीं थे एक बच्चे को बचपन से ही अपने पेरेंट्स के अटैचमेंट की जरूरत होती है

पेरेंट्स उसके केयर करें उसके साथ टाइम स्पेंड करें तो बच्चा अपने पेरेंट्स से अटैच होता है लेकिन जब पेरेंट्स ही अपने बच्चों से अलग-अलग रहेंगे और बच्चे को उनके प्यार की जरूरत होगी तब वह उसे प्यार नहीं दे सकेंगे तो बच्चा अपने पेरेंट से दूर हो जाता है और फिर ऐसे पेरेंट जो उसके बचपन से ही उसके साथ सख्ती से पेश आते थे तो ऐसे बच्चे के दिल में अपने पेरेंट्स के लिए मोहब्बत कहां से पैदा हो सकती है

मैंने ठान लिया था कि मैं इस घर से कहीं नहीं जाऊंगी मेरी शादी फरहान के साथ हुई है तो मैं उस उसे ठीक करके रहूंगी और कभी फरहान का साथ नहीं छोडूंगी आखिर मेरा और उसका जिंदगी भर का नाता था मैं जानती थी कि फरहान के पेरेंट्स उसे ठीक नहीं कर सकते इसलिए मुझे ही उसे ठीक करना होगा लेकिन यह सब कुछ करना मेरे लिए बहुत मुश्किल था फरहान के पेरेंट्स बहुत बुरे थे चाचा चाची मुझे छोटी-छोटी बात पर ब्लैकमेल किया करते थे

मुझे धमकाया करते थे कि अगर मैंने उन्हें प्रॉपर्टी के पेपर्स लाकर नहीं दिए तो वह लोग मेरे साथ बुरा करेंगे मैं बार-बार अपने पापा से बोलती थी कि पापा प्लीज प्रॉपर्टी के पेपर्स दे दो ताकि मेरी जिंदगी सुकून से गुजर सके मगर पापा भी अपने जिद पर अड़े हुए थे वह अपने भाई से बदला लेना चाहते थे मगर उन्होंने भी यह नहीं सोचा था कि इस बदले की आग में मैं और फरहान जल रहे थे मेरी सास फरहान की आंखों के सामने ही मुझ पर हाथ उठाया करती थी

तो फरहान अब अपनी मां के आगे आकर खड़ा हो जाता था तो मेरी सास उस पर भी हाथ उठाया करती थी कि इस लड़की को बचाने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई लेकिन अब फरहान को नजर आने लगा था कि उसकी वाइफ के साथ इस घर में अब कुछ ज्यादा ही बुरा होने लगा है यह लोग उसे टॉर्चर करते हैं फरहान मुझसे मोहब्बत करने लगा था उसे मेरी आदत हो गई थी इसलिए वह मेरे साथ कुछ गलत होता हुआ नहीं देख सकता था लेकिन वह बेचारा कुछ कर भी तो नहीं सकता था

हम दोनों बहुत मजबूर थे इन दोनों भाइयों की लड़ाई में मैं फरहान को लेकर बहुत परेशान रहने लगी थी इसलिए मैंने एक ऐसा कदम उठाया था जो शायद मुझे नहीं उठाना चाहिए था मैं फरहान को लेकर एक रात घर से भाग गई थी और मैं अपनी एक दोस्त के घर चली गई थी मैंने उसे जाकर पूरी बात बताई थी फरहान की कंडीशन देखकर तो मेरी दोस्त को भी अफसोस हुआ था और मुझे भी देखकर वह कहने लगी थी कि तुम्हारे साथ भी सच में बहुत बुरा हुआ है

उसने मेरा साथ देने के लिए कहा था मैंने पापा को कॉल करके बता दिया था कि मैं घर से चली गई हूं और अब मैं कभी वापस नहीं आऊंगी क्योंकि आप दोनों भाइयों के झगड़े में हम दोनों पति-पत्नी पिस रहे हैं मैं फरहान को ठीक करना चाहती हूं फरहान ठीक हो जाएगा तो मुझे आप लोगों की कोई जरूरत नहीं होगी क्योंकि ना आप मेरी बात को समझ रहे हो और ना ही मेरे ससुराल वाले ऐसे में मैं फरहान से अलग नहीं हो सकती चाहे जो हो जाए मैं उसे ठीक करके ही रहूंगी

मेरे पापा ने मुझसे पूछने की बहुत कोशिश की कि मैं कहां पर हूं मगर मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया था आखिर उन लोगों को भी तो एहसास हो कि जब उनके बच्चे उनसे दूर चले जाएं तो उन्हें पता चले कि वोह लोग अपनी लड़ाई में हम दोनों को शामिल कर रहे हैं जबकि हम दोनों की कोई गलती भी नहीं है मेरी दोस्त ने मेरा साथ दिया था वह अपने ही खर्चे पर फरहान का इलाज करवा रही थी हम दोनों के ही मम्मी पापा हमें ढूंढ ढूंढ कर परेशान हो गए थे

यह कदम मैंने बिल्कुल ठीक उठाया था क्योंकि जब तक हम लोग उनसे दूर नहीं होते तब तक उन्हें हम लोगों की तकलीफ का अंदाजा नहीं होता मैंने देखा था कि धीरे-धीरे फरहान रिकवर होने लगा था क्योंकि हम दोनों को घर से गायब हुए ती महीने हो गए थे मैं अपनी फ्रेंड के घर पर नहीं बल्कि उसके रिसॉर्ट में आकर फरहान के के साथ रह रही थी फरहान मुझसे इतनी मोहब्बत करने लगा था कि वह अब मेरे बिना बिल्कुल नहीं रह सकता था

और फिर फाइनली इतनी मेहनत करने के बाद फरहान काफी हद तक रिकवर हो चुका था आखिरकार मैंने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था फरहान को ठीक करने में इतनी मेहनत शायद कोई नहीं करता फरहान के पेरेंट्स को तो यही लगता था कि वह सारी जिंदगी इसी तरह पागल बनकर रहेगा उन्होंने मुझे उसकी पत्नी नहीं बल्कि उसकी नौकरानी बनाकर उसके साथ मेरी शादी करवाई थी वह लोग चाहते तो अपने बेटे को खुद भी ठीक कर सकते थे

प्यार और मोहब्बत से मगर शायद प्यार मोहब्बत करना तो फरहान के पेरेंट जानते ही नहीं थे मैंने जिस नंबर से पापा से बात की थी वह सिम भी मोबाइल से निकालकर हमने तोड़ दिया था लेकिन मुझे फरहान के घर की सारी बातें पता चल रही थी क्योंकि इस काम में मेरा साथ फरहान के घर की ही एक नौकरानी ने दिया था जब मैं आधी रात के समय फरहान को लेकर घर से निकल रही थी तो नौकरानी उस समय जाग रही थी वह मेरे करीब आई और कहने लगी कि भाभी जी आप कहां जा रही हो

तो मैंने उससे कहा था कि तुम तो जानती हो ना कि यह लोग कितने खतरनाक हैं ऐसे में फरहान कैसे ठीक हो सकता है मैं सिर्फ और सिर्फ यह सब कुछ फरहान के लिए ही कर रही हूं मैंने उससे कहा था कि प्लीज इस बारे में किसी को कुछ मत बताना और मैंने उससे कहा था कि तुम मुझे अपना मोबाइल दे दो मैं तुम्हारा मोबाइल लेकर जा रही हूं ताकि मैं तुमसे बात कर सकूं तुम कोई दूसरा मोबाइल ले लेना और मुझसे बात करती रहना उस नौकरानी को भी फरहान की बहुत फिक्र थी

वह भी चाहती थी कि फरहान बेचारा ठीक हो हो जाए उसने मुझे खुशी-खुशी अपना मोबाइल दे दिया था और कहा था कि मैं आपको यहां की पल-पल की खबर देती रहूंगी और आपके बारे में किसी को कुछ नहीं बताऊंगी नौकरानी मुझे फोन करके बताया करती थी कि फरहान के पेरेंट्स को रियलाइफ होने लगा है कि उन्होंने तुम्हारे और फरहान के साथ बहुत गलत किया क्योंकि जिस दिन से तुम दोनों इस घर से गए हो यह लोग आपके लिए बहुत परेशान हैं

और आपको ढूंढ रहे हैं फरहान जब ठीक हो गया तो मैंने नौकरानी को यह खबर सुनाई तो वह कहने लगी कि भाभी आपने बहुत अच्छा किया आखिरकार फरहान भाई आपकी वजह से ठीक हो सके वरना इन लोगों के बस की बात नहीं थी उसने कहा था कि आपके पेरेंट्स भी आपके लिए बहुत परेशान हैं और उन लोगों को भी यह एहसास हो गया कि उन्हें अपनी बेटी की बात मान लेनी चाहिए थी

अगर हम उसकी बात मान लेते तो शायद वह घर छोड़कर ना भागती उन लोगों के बीच झगड़ा तो बहुत हुआ था लेकिन फिर उनको मजबूरन अपना झगड़ा खत्म करना पड़ गया था क्योंकि उन्हें अपने-अपने बच्चों की फिक्र हो रही थी वह चाहते थे कि उनके बच्चे किसी भी तरह उनके पास वापस लौट आए उन्होंने पुलिस की भी मदद ली थी पुलिस हम दोनों को तलाश कर रही थी फिर जब फरहान रिकवर हो गया फिर जब फरहान रिकवर हो गया

तो हम दोनों खुद अपने-अपने पेरेंट्स के पास चले गए थे और हमारे पेरेंट्स ने हमसे माफी मांगी थी क्योंकि हम दोनों के गायब होने के बाद उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि वह दोनों जायदाद के चक्कर में हम दोनों के साथ गलत कर रहे थे और सबसे ज्यादा गलत तो मेरे साथ हुआ था जो मेरी चाची ने किया था चाचा चाची ने जब फरहान को ठीक होते हुए देखा तो उन्होंने झट से अपने बेटे को गले लगा लिया क्योंकि उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं आ रहा था

उन्होंने भले ही फरहान के साथ उन्होंने भले ही फरहान के साथ बचपन से लेकर अब तक अच्छा सुलूक नहीं किया था मगर था तो वह उनका ही बेटा जब उनका बेटा उनकी आंखों से गायब हो गया तो उनको इस बात का एहसास हुआ कि वह माता-पिता हैं उनकी ममता अपने बेटे के लिए उस समय जाग उठी थी जब उन्होंने देखा कि उनका बेटा इस घर से जा चुका है ना जाने वो किस हाल में होगा कहां होगा

उनको अपनी गलती का एहसास होने लगा और जब उन्हें पता चला कि उनका बेटा सिर्फ और सिर्फ मेरी वजह से ठीक हुआ तो चाची ने मुझसे अपनी गलती की माफी मांगी थी और कहा था कि मैंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि मेरा बेटा कभी भी ठीक हो सकता है उन्होंने मुझसे अपने किए की माफी मांगी मेरे ससुर भी बहुत शर्मिंदा थे मेरे मम्मी पापा ने भी हम लोगों से माफी मांगी फरहान ने और मैं ने अपने-अपने पेरेंट्स को माफ कर दिया था

इससे यह साबित होता था कि हम दोनों के पेरेंट्स को अपनी गलती रियलाइफ हो गई थी और इन लोगों के बीच में भी आपस में मोहब्बत पैदा हो गई थी मेरे पापा ने चाचा जी को उनका हक देने का फैसला कर लिया था मगर फिर चाचा जी ने मेरे पापा से माफी मांगी और कहा कि नहीं यह सब कुछ तुम्हारी मेहनत का है मैं इसमें से कुछ नहीं लूंगा तुम्हारी बेटी ने मेरे बेटे को ठीक कर दिया यही मुझ पर बहुत बड़ा एहसान है उन्होंने मुझसे भी माफी मांगी थी

और मेरी सास भी अपने किए पर बहुत शर्मिंदा थी फरहान को उसके पेरेंट्स मिल गए थे और इस तरह मेरे चाचा और पापा दोनों में मोहब्बत बढ़ गई थी दोनों दोनों के दिल के शिकवे खत्म हो चुके थे उस दिन के बाद से मेरी सास मुझे अपनी बेटी समझने लगी फरहान और मैं एक खुशहाल जिंदगी गुजारने लगे फरहान समझदार हो गया और उसने अपने पापा का बिजनेस जवाइन कर लिया मेरे चाचा के दिल से लालच भी निकल गया जो अपनी जवानी के समय से मेरे चाचा ने नहीं किया था

लेकिन वही सब फरहान ने कर दिखाया और उसने अपने पापा का बिजनेस जवाइन कर लिया मेरे चाचा के दिल से भी अब लालच निकल गया और जो अपनी जवानी के समय में मेरे चाचा ने नहीं किया था लेकिन वही सब आज फरहान ने कर दिखाया उसने अपने पापा के बिजनेस को आगे बढ़ा दिया और आज वह एक कामयाब इंसान है मेरे चाचा भी अपने बेटे की वजह से एक बहुत अच्छे बंगले में रह रहे हैं और उनके पास भी अब काफी प्रॉपर्टी है

 

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