पारिवारिक हिंदी स्टोरी। Emotional Kahani Writing | Sad Emotional Story | Motivational Story

Sad Emotional Story : मेरा नाम रचना है मैं अपना सर पकड़कर अपनी किस्मत को रो रही थी यह मेरे साथ क्या हो गया क्यों मैं इतनी बड़ी मुसीबत में फंस गई मैं चाहती थी कि मैं अपने परिवार वालों से दूर आने के बाद सुकून से रहूं शायद सुकून मेरे नसीब में ही नहीं लिखा हुआ था जेल में बैठी हुई मैं अपनी किस्मत को रो रही थी यहां से निकलने का मेरे पास कोई रास्ता नहीं था मेरा कोई अपना भी नहीं था जो मुझे यहां से निकाल सकता मेरा 2 साल काे बेटा था

मुझे उसकी बहुत फिक्र हो रही थी ना जाने वह किस हाल में होगा क्योंकि जिस समय मुझे पुलिस अरेस्ट करके अपने साथ ले आई थी उस समय मेरा बेटा घर पर ही रह गया था मुझे उसकी बहुत याद आ रही थी जेल में रहते हुए मुझे 48 घंटे हो गए थे मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि कोई मुझे बचा सकता है मगर अचानक एक हवलदार जेल के अंदर आया और कहने लगा कि चलो उठो तुम्हारी बेल हो गई है यह सुनकर मेरी आंखों में चमक आ गई थी

और मैं सोचने लगी थी कि आखिर मुझे किसने बचाया है जब मुझे जेल से निकालकर बाहर ले जाया गया तो मैंने देखा कि बाहर मेरी नंद खड़ी हुई थी जिसकी आंखों में आंसू थे मैं उसके गले से लगकर फूट-फूट कर रोने लगी थी उसने कहा कि भाभी आप फिक्र मत करो हम यहां नहीं रहेंगे मैं आपको लेकर इंडिया चली जाऊंगी मैं जानती हूं कि आपने कुछ नहीं किया मेरी जान में जान आई थी कि मेरी नंद मुझे अच्छी तरह से जानती थी और फिर हम दोनों फ्लाइट पकड़कर इंडिया वापस आ गए गए थे

यहां मैं पूरे 5 साल बाद वापस आई थी मैं नहीं जानती थी कि मुझे मेरी किस्मत यहां दोबारा वापस लेकर आ जाएगी वरना मैंने तो ठान लिया था कि मैं कभी इंडिया वापस आऊंगी ही नहीं मुझे अपने घर वालों की बेहद याद आ रही थी बस मन कर रहा था कि मैं किसी तरह उन लोगों से मिल लूं मेरी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं फिर मैंने सोचा कि मुझे वही करना चाहिए जो करना शायद मेरे लिए बहुत मुश्किल है

मैंने अपना मोबाइल उठाया और अपना 5 साल पुराना सिम निकालकर उसमें डाल दिया मैंने अपने सारे पुराने सोशल मीडिया अकाउंट्स भी ऑन कर लिए थे मगर उसमें जैसे ही मैंने जीत को मैसेज करने की कोशिश की तो यह देखकर मेरा दिल दहल गया था कि उसने मुझे हर तरफ से ब्लॉक कर दिया था क्या मैं इतनी बुरी थी क्या मैं उसके लिए अब कुछ नहीं रही थी जो उसने मुझे हर तरफ से ब्लॉक कर दिया

उसने मुझे कॉल करने की कोशिश भी नहीं की कभी मेरे बारे में जानने की कोशिश नहीं की कि मैं घर छोड़ने के बाद कैसे हालात से गुजर रही होंगी क्या-क्या मैंने नहीं सहा होगा मेरे दिल ने क्या-क्या नहीं भुगता होगा मगर फिर मैंने सोचा कि मैं भी उसके साथ कुछ ठीक नहीं करके आई थी आखिरकार मैंने उसे भरी महफिल में जलील किया था कोई भी इंसान यह बात बर्दाश्त नहीं कर सकता कि उसका मनपसंद शख्स उसे भरी महफिल में बेइज्जत करें

और मान लेते हैं कि अगर फिर भी वह अपनी बेइज्जती बर्दाश्त भी कर लेता है तो अगर उसका मनपसंद शख्स उसे सब लोगों के सामने अपनाने से इंकार कर दे और उसकी मोहब्बत को भी झूठा साबित कर दे तो दिल पर कैसी गुजरती है शायद मैं जो 5 साल पहले जीत के साथ करके आई थी वही सब अब मुझे भुगतना पड़ रहा था मैंने उसके नंबर पर कॉल करने की भी कोशिश की देखा कि उसने मेरा नंबर भी ब्लॉक कर रखा था मेरी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे

मैंने अपनी आंखें बंद करते हुए सोफे से टेक लगा ली थी और मैं पुरानी यादों में खो गई थी जब मेरी जिंदगी बहुत अच्छी हुआ करती थी बचपन से लेकर जवान होने तक मैं अपने माता-पिता की लाडली रही थी इतनी ज्यादा लाडली थी कि मेरे माता-पिता मुझे बहुत प्यार करते थे हम चार बहनें थी और हम चारों का सिर्फ एक ही भाई था पापा की चार-चार बेटियां थी फिर भी वह हम चारों से बेहद मोहब्बत करते थे मैं अपने सब भाई बहन में सबसे छोटी थी

मेरे सभी भाई बहन की शादी हो चुकी थी लेकिन मैं अभी पढ़ रही थी उस समय मेरी उम्र 20 साल थी जब मुझे जीत ने प्रपोज किया था जीत मेरी सबसे अच्छी और पक्की खास दोस्त का भाई था वह सिर्फ दो भाई बहन ही थे मेरी दोस्त पिंकी मुझे बहुत प्यारी थी हम दोनों बचपन से ही एक दूसरे की बहुत पक्की सहेलियां रही थी बहुत से लोगों ने हम दोनों की दोस्ती को तुड़वाने की कोशिश की थी मगर हम दोनों एक दूसरे के बिना कभी रह ही नहीं पाते थे जीत और पिंकी अपने मम्मी पापा के लाडले थे

पिंकी के पेरेंट्स बहुत अमीर लोग थे जबकि मैं मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करती थी पिंकी और मेरी दोस्ती के बीच में कभी भी हम दोनों के स्टैंडर्ड नहीं आए थे वो मेरे साथ बिल्कुल मेरे जैसी बनकर रहती थी व मेरा बहुत ख्याल रखती थी कई बार मेरी मम्मी ने मुझसे कहा था कि बेटा तुम्हारी दोस्त पिंकी तुम्हारी बचपन की सहेली है बस अब तुम्हें उससे दोस्ती खत्म कर देनी चाहिए क्योंकि अब तुम जवान हो चुकी हो और वह भी काफी समझदार है

 

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पिंकी मुझे हमेशा गिफ्ट देती रहती थी मेरी मम्मी को इस बात पर बहुत ऐतराज होता था कि वह तुम्हें गिफ्ट्स क्यों देती है मगर मैं मम्मी से कहती थी कि मम्मी वह शुरू से ही मेरा ख्याल रखती है उसने मुझे पहली बार गिफ्ट थोड़ी ना दिया है वह तो मुझे गिफ्ट्स हमेशा देती ही रहती है इस पर आपको कोई ऑब्जेक्शन नहीं होना चाहिए मगर मम्मी कहती थी कि बेटा देखो अमीर लोग जब तोहफे देते हैं तो उनके दिल में हमेशा यही बात रहती है कि उन्होंने गरीबों पर कोई एहसान कर दिया है

और गरीब अगर किसी गरीब को तोहफा देता है तो व एक दूसरे से बहुत खुश होते हैं तुम्हारे दोस्त के लिए मामूली सी बात है तुम्हें महंगे महंगे तोहफे देना मगर तुम्हारे लिए बहुत मुश्किल है अपनी दोस्त को गिफ्ट्स देना तुम प्लीज उससे दूर रहा करो मगर मैंने अपनी मम्मी की एक ना सुनी थी आखिरकार अमीरी गरीबी के बीच फर्क करके मैं अपनी दोस्ती को तो पर नहीं लगा सकती थी पिंकी की फैमिली बहुत अच्छी थी जब मैं 18 साल की थी

तब पिंकी का भाई लंदन से अपनी पढ़ाई कंप्लीट करके आया था व मुझसे उम्र में पूरे 8 साल बड़ा था मगर वह मुझसे बहुत प्यार करता था उसने वहां से आने के बाद मुझे फौरन ही प्रपोज कर दिया था हालांकि बचपन में वह भी हम दोनों के साथ खेलता था हम सभी एक स्कूल में ही पढ़ते थे लेकिन जब हम लोग कॉलेज में पढ़ने लगे तो उसके पेरेंट्स ने उसे लंदन भेज दिया था जबकि पिंकी अपनी फैमिली और मुझे छोड़कर लंदन जाना नहीं चाहती थी सब कुछ बिल्कुल ठीक चल रहा था

मैंने जीत का प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया था क्योंकि मुझे भी वह बहुत अच्छा लगता था हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे हम दोनों की मोहब्बत जब 2 साल आगे बढ़ गई तो जीत का कहना था कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं मैं तुम्हारे घर अपना रिश्ता भेजना चाहता हूं मैंने जीत को बोल दिया था कि अभी मेरी बहनों की शादी नहीं हुई है मेरी एक बहन शादी से रह गई है मेरे पेरेंट्स उसकी शादी से पहले मेरी शादी कभी भी नहीं करेंगे

अभी तुम्हें एक साल और इंतजार करना होगा जीत पिंकी से बड़ा था इसीलिए उसके पेरेंट्स उस पर दबाव बना रहे थे कि वह शादी कर ले मगर जीत का कहना था कि वह करेगा तो लव मैरिज करेगा और अपनी पसंद की लड़की से ही शादी करेगा उसने अपनी मम्मी से साफ इंकार कर दिया था कि वह अपनी मम्मी की पसंद की लड़की से शादी नहीं करना चाहता जबकि उसकी मम्मी चाहती थी कि उनके दोस्त की बेटी उनके घर की बहू बन जाए

लेकिन जीत को वो लड़की बिल्कुल भी पसंद नहीं थी उसने एक बार मुझे उस लड़की के बारे में बताया था वो लड़की बहुत अमीर थी उसके पिता शहर के बहुत बड़े बिजनेसमैन थे उन लोगों का स्टैंडर्ड आपस में मैच होता था मगर जीत तो मुझे चाहता था इसलिए उसने कभी उस लड़की को भाव नहीं दिया पिंकी यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि मैं उसके भाई से बेहद मोहब्बत करती हूं और उसका भाई भी मुझे बहुत पसंद करता है पिंकी कहती थी कि मैं तुम दोनों की शादी करवा कर ही रहूंगी

एक साल भी गुजर गया था मेरी बहन की शादी भी हो गई थी मेरे मेरे पेरेंट्स चाहते थे कि वह मेरी शादी इतनी जल्दी ना करें क्योंकि अभी मेरी उम्र ज्यादा भी नहीं हुई थी इंटर के बाद बीए कंप्लीट हो गया तो मेरी पढ़ाई रोक दी गई जबकि पिंकी के पेरेंट्स चाहते थे कि वह उसे बाहर पढ़ने के लिए भेजें जैसे उसका भाई पढ़कर आया है मगर पिंकी ने साफ इंकार कर दिया था उसने कहा था कि मैं भी आगे नहीं पढ़ना चाहती पिंकी के डैड इस बात पर एग्री हो गए थे

मेरे घर के घरेलू हालात थोड़े खराब थे क्योंकि भैया की जब से शादी हुई थी वो भाभी के के साथ बिजी रहते थे उन्होंने अपनी बहनों और अपने पेरेंट्स पर ध्यान देने की कोशिश ही नहीं की वह अपनी शादी के एक साल बाद भाभी के साथ अलग घर में रहने लगे थे इस बीच हम लोग बहुत अकेले रह गए थे पापा की अकेली कमाई थी भैया से पहले वह दो बहनों की शादी कर चुके थे उस समय भैया पापा को अपनी सैलरी दिया करते थे इसीलिए पापा को भैया से काफी सहारा था

आखिरकार पापा ने भैया को अच्छे कॉलेज में पढ़ाया था उनकी अच्छी नौकरी लगवाई थी उन्हें भैया से बहुत सारी उम्मीदें थी म मगर व सारी उम्मीदें भाभी के आने के बाद चूर-चूर हो गई थी क्योंकि भाभी के आने के बाद भैया पूरी तरह से बदल गए थे उन्हें हम सब बुरे लगने लगे थे उन्होंने अपना दूसरा घर खरीद लिया और फिर उन्होंने कभी हम लोगों को पलट कर नहीं देखा मेरे तीसरे नंबर वाली बहन का रिश्ता आया था तो पापा ने वो एक्सेप्ट कर लिया

और बहन की शादी कर दी हालांकि ये शादी बड़ी दो बहनों से मामूली तौर पर हुई थी लेकिन अच्छे घर में हुई थी इसलिए लड़की वालों को दान दहेज से कोई तराज नहीं था मेरी मेरी बहन खूबसूरत थी लोगों को सिर्फ खूबसूरत लड़की चाहिए थी खूबसूरती में तो मैं भी कम नहीं थी मैं अब ज्यादातर घर में ही रहने लगी थी क्योंकि हमारे यहां का माहौल ऐसा नहीं था कि हम बाहर ज्यादा आना जाना करते मगर मेरे पास मोबाइल था जिस पर मैं जीत से बात कर लिया करती थी

जीत मुझसे बहुत मोहब्बत करता था वह हर बार यही कहता था कि मेरी शादी होगी तो तुमसे ही होगी मगर मैं उससे कहती थी कि हम दोनों के स्टैंडर्ड में बहुत फर्क है अगर तुम्हारे पेरेंट्स ने हमारे रिश्ते से कर दिया तो क्या होगा तो जीत कहने लगा कि तुम जानती हो कि मेरे मम्मी पापा मुझे बहुत प्यार करते हैं मैं अगर उनसे कोई ख्वाहिश कर दूं तो वह उसे पूरी करके ही रहते हैं मुझे पूरा यकीन है कि वह लोग हम दोनों के रिश्ते से इंकार नहीं करेंगे ]

मैं उसके इस तरह के कॉन्फिडेंस पर बहुत खुश होती थी जीत मुझे अपनी बहन के हाथों एक्सपेंसिव गिफ्ट्स भिजवा रहता था और मेरे पेरेंट्स को लगता था कि व गिफ्ट्स पिंकी मेरे लिए लेकर आती है कई बार पिंकी मुझे घर से पिक करने के लिए आई थी ता कि वह अपने भाई से मुझे मिलवा सके और उसने मेरे मम्मी पापा से बोल दिया था कि वह मुझे अपने साथ लेकर जा रही है उसके बाकी फ्रेंड्स भी आने वाले हैं

मेरी मम्मी को इस बात से तराज तो होता था कि मैं पिंकी के साथ क्यों जाती हूं मगर पापा उनसे कह दिया करते थे कि वह हमारी बेटी की बहुत अच्छी दोस्त है अगर वह उसके साथ कहीं जाना चाहती है तो उसे जाने दो ऐसा नहीं था कि मेरी मम्मी स्ट्रिक्ट थी बस मेरी मम्मी को यही फिक्र लगी रहती थी कि हमारी फैमिली के स्टैंडर्ड को लेकर कहीं कुछ बुरा ना हो जाए मगर मैं मम्मी को भरोसा दिलाया करती थी कि कुछ भी बुरा नहीं होगा पिंकी अपने दोस्तों के साथ बिजी हो जाती थी

और मुझे अपने भाई के हवाले कर दिया करती थी मैं सारा दिन जीत के साथ गुजारती थी और बहुत खुश रहती थी मैं भी जीत से दूर नहीं होना चाहती थी मेरी बहन की शादी को अब काफी टाइम हो गया था जीत कहने लगा कि अब तुम्हें अपने घर पर हम दोनों के रिश्ते की बात करनी होगी मैं तो इस बात से बहुत डर गई थी मैंने कहा जीत मैं इस बारे में मम्मी पापा से डायरेक्टली बात नहीं कर सकती हां मगर मैं इतना जानती हूं कि तुम अगर अपने पेरेंट्स को मेरे घर रिश्ता लेकर भेज दोगे

तो वह लोग इस रिश्ते से इंकार नहीं करेंगे मेरे मम्मी पापा बहुत अच्छे हैं जब खुद चलकर तुम्हारे पेरेंट्स मेरे घर आएंगे तो रिश्ते से इंकार करने की वजह बनती ही नहीं है वैसे भी तुम बहुत अच्छे हो मेरे पापा तुम्हारी बहुत तारीफ करते हैं जीत कहने लगा अच्छा तो अब वक्त आ गया है कि मैं अपने पेरेंट्स को तुम्हारे बारे में बता दूं वह कहने लगा कि मैं बात करके तुम्हें बताता हूं कि मेरे मम्मी पापा किस दिन तुम्हारे घर आने वाले हैं मैं उसकी बात सुनकर बेफिक्र हो गई थी

मगर मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं उसके पेरेंट्स ने मना कर दिया तो क्या होगा लेकिन जब जीत की कॉल आई और उसने मुझे बताया कि अगले हफ्ते उसके पेरेंट्स हमारे घर आने वाले हैं तो मेरी खुशी के ठिकाने नहीं रहे थे मैंने मम्मी को बता दिया था कि पिंकी के पेरेंट्स हमारे घर आना चाहते हैं भला वह हमारे घर आकर क्या करना चाहते हैं और क्यों आ रहे हैं मैंने इस बात पर तो उन्हें कोई जवाब नहीं दिया था मैं खामोश हो गई थी मैंने बोल दिया था कि मैं इस बारे में कुछ नहीं जानती

लेकिन जब वह लोग हमारे घर आए और उन्होंने मेरे और जीत के रिश्ते की बात की तो मेरे पापा बहुत खुश हुए थे जबकि मेरी मम्मी को तो इस बात पर यकीन ही नहीं आ रहा था कि इतने बड़े घर के लड़के का रिश्ता उनकी बेटी के लिए आया है मेरे पापा ने इस रिश्ते से फौरन ही हां कर दी थी क्योंकि मेरे पापा नहीं चाहते थे कि इस रिश्ते में देर हो मैंने देखा था कि जीत के पापा तो हम दोनों के रिश्ते से बहुत खुश थे उन्होंने ने मुझे आशीर्वाद भी दिया था

मगर जीत की मम्मी का मूड ना जाने क्यों खराब हो रहा था मैंने जीत से कॉल करके इस बारे में पूछा भी था कि क्या आंटी को इस रिश्ते से कोई तराज है तो जीत कहने लगा कि नहीं मम्मी को कोई तराज नहीं है तुम जानती हो कि मम्मी की शुरू से ही ख्वाहिश थी कि उनके दोस्त की बेटी मेरी पत्नी बने मगर मैंने मम्मी को बोल दिया कि मैं शादी करूंगा तो रचना से ही करूंगा वरना कहीं नहीं करूंगा मेरी खुशी सिर्फ रचना के ही साथ है

मेरे लिए वैसे भी मम्मी का मान जाना इतनी इंपोर्टेंस नहीं रखता जितना पापा का मान जाना जरूरी है पापा तो तुम्हारे बारे में सुनकर ही हम दोनों के रिश्ते के लिए तैयार हो गए थे उन्होंने कहा था कि रचना बहुत अच्छी लड़की है आखिरकार वह हमारी पिंकी की बचपन की दोस्त है अगर वह हमारे घर की बहू बन जाएगी तो हमारी बेटी के साथ उसकी दोस्ती और भी ज्यादा गहरी हो जाएगी और इस तरह नंद भाभी में कभी मनमुटाव भी नहीं होगा मैं जीत की बात सुनकर बहुत खुश हुई थी

जीत के डैड मेरे पापा से शादी की डेट की बात भी कर गए थे हम दोनों की शादी की डेट दो महीने के बाद की रखी गई थी दोनों ही परिवार बहुत खुश थे मेरी सारी बहनों ने जब यह खबर सुनी तो वह लोग भी मेरी किस्मत को बहुत अच्छा बता रही थी कहती थी कि तुम्हारे तो भाग ही जाग गए हैं तुम तो उस घर में रानी बनकर रहोगी आखिरकार वह बहुत अमीर लोग हैं मैं अपनी बहनों की बातें सुनकर अपने ऊपर घमंड करने लगी थी

आखिरकार मुझे मनपसंद पति मिलने वाला था और ससुराल भी बहुत अच्छी थी मगर मैं नहीं जानती थी कि मेरी यह खुशियां सिर्फ कुछ समय की है मेरी इन खुशियों को किसी की नजर लगने वाली है जब हम दोनों की शादी की तैयारियां शुरू होने लगी थी जीत ने शादी की सारी शॉपिंग मुझे खुद ही अपने साथ ले जाकर हम दोनों की पसंद कीी करवाई थी इस दौरान पिंकी ने भी अपने पेरेंट्स को अपनी पसंद के बारे में बता दिया था क्योंकि पिंकी भी अपने एक दोस्त से मोहब्बत करती थी

उसके घर वाले पिंकी के घर रिश्ता लाने के लिए बहुत जल्दबाजी कर रहे थे पिंकी उस लड़के से प्यार करती है उसने जब यह खबर अपने मम्मी पापा को सुनाई तो वो लोग खुश हो गए थे क्योंकि व लड़का भी बहुत अच्छा था उसके पेरेंट्स चाहते थे कि वो उन दोनों भाई-बहन की शादी एक ही दिन कर दें मगर जीत ने इंकार कर दिया था जीत ने कहा था कि मैं चाहता हूं कि मेरी बहन मेरी शादी एंजॉय करें मैं नहीं चाहता कि वो मेरी शादी में दुल्हन बनकर एक तरफ बैठी रहे

उसकी शादी मेरी शादी के दो महीने बाद होनी चाहिए इस बात से किसी को कोई तराज नहीं था मेरी शादी के बाद अब उसकी शादी भी होने जा रही थी उन दोनों का रिश्ता पक्का हो गया था हम दोनों की दोस्ती अब रिश्तेदारी में बदलने जा रही थी जीत ने कहा था कि वह शादी के सारे ही इंतजाम खुद देख लेगा मेरे पेरेंट्स को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है व यह बात अच्छी तरह से जानता था कि मेरे पापा के हालात ज्यादा अच्छे नहीं है वह उनके जैसे इंतजाम नहीं कर सकेंगे

इसलिए सब कुछ जीत नहीं करने का फैसला किया था वह नहीं चाहता था कि लोगों के सामने मेरे पेरेंट्स के इंसल्ट हो कोई यह सोचे कि लड़की का पिता कितना गरीब है वह सब के सामने यह जाहिर करना चाहता था कि गरीब पिता ने भी बेटे की शादी कितनी धूमधाम से की है मेरे पापा इस बात से इंकार भी कर रहे थे पापा ने कहा था कि बेटा हम लोग लोन लेकर तुम्हारी शादी अच्छे से कर देंगे उसके बाद में उसे धीरे-धीरे चुकता करते रहेंगे मगर जीत ने साफ इंकार कर दिया था

उसने कहा था कि अंकल मैं भी तो आपका ही बेटा हूं ना तो फिर आपको मेरी बात माननी होगी मेरे पापा कहने लगे कि सच में हमारी बेटी के भाग जाग गए हैं जो उसे इतना अच्छा पति मिलने जा रहा है और फिर शादी का दिन भी आ गया था शादी वाले दिन सुबह के टाइम पर मेरी सास की मेरे पास कॉल आई थी उन्होंने मुझसे कहा था कि बेटा हम पार्लर से तैयार होंगे मैं जानती हूं कि तुम्हारे पापा के पास तो इतने पैसे भी नहीं होंगे कि वो तुम्हें पार्लर भेज सके

इसलिए तुम मेरे साथ चलना मैं उनकी बात सुनकर थोड़ी शर्मिंदा हुई थी मैंने कहा कि नहीं आंटी मैंने पार्लर वाली बुक कर दी है वो कहने लगी कि देखो हमारे यहां शादी में काफी अमीर बिजनेसमैन और जानेमाने लोग शामिल होने वाले वाले हैं तो इसलिए तुम छोटी-मोटी पार्लर वाली से तैयार मत हो जाना मैं तुम्हें खुद तुम्हारे घर से पिक करूंगी मैंने तुम्हारे लिए प्रोफेशनल पार्लर की बुकिंग ले ली है मैंने उनको मना भी किया था कि मजीत के साथ पार्लर चली जाऊंगी

मगर उन्होंने कहा कि अभी तुम्हारी उसके साथ शादी नहीं हुई है जो तुम अभी से ही उसके साथ सारे काम कर रही हो जब शादी हो जाए तो तुम उसकी पत्नी बनकर घर आ जाओ तब उससे अपने सारे काम करवाना मैंने तुमसे कहा ना कि शाम के 4:00 बजे तक रेडी रहना मैं तुम्हें पार्लर की लिए पिक कर लूंगी अब मैं उनकी बात पर क्या कहती मैंने उनसे ओके आंटी बोलकर कॉल कट कर दी थी शाम के 4:00 बजे तो मैं जल्दी से सारे काम से फ्री हो गई थी

और उनका इंतजार करने लगी थी तभी अचानक जीत की कॉल आ गई थी उसने मुझसे कहा कि मम्मी यहां से निकल गई हैं तुम जल्दी से रेडी रहना पार्लर से वापसी में मैं तुम्हें पिक कर लूंगा मम्मी ने कहा है कि वह अपना मेकअप करवाकर पार्लर से जल्दी आ जाएंगी क्योंकि उन्हें मैरिज हॉल जल्दी पहुंचना है तुम ब्राइड हो तो तुम्हें टाइम लगेगा इसीलिए तुम्हें मैं ले आऊंगा मैंने जीत को बोल दिया था कि अच्छा ठीक है मैं तुमसे बाद में बात करती हूं लगता है आंटी आ गई है

मैं जल्दी से अपना बैग लेकर आंटी के साथ उनकी गाड़ी में बैठ गई थी मैं बहुत खुश हो रही थी हम लोग पार्लर पहुंच गए थे वहां जाने के बाद पहले तो आंटी ने अपना मेकअप करवाया था और एक तरफ मेरा भी मेकअप हो रहा था तभी मेरी सास ने मेरा मेकअप करने वाली लड़की से कहा कि थोड़ी देर के लिए हम दोनों को अकेला छोड़ दो मैं अपनी होने वाली बहू से कुछ इंपॉर्टेंट बात करना चाहती हूं हूं उसने अपने हाथ रोक लिए थे और वह कमरे से निकल गई थी

मैं हैरान रह गई थी कि आखिर आंटी मुझसे ऐसी भी क्या बात करना चाहती हैं मैंने उनकी तरफ गौर से देखा वह कहने लगी कि तुम मेरे बेटे की पत्नी बनकर मेरे घर में राज करना चाहती हो मगर मैं ऐसा नहीं चाहती कि तुम मेरे घर की बहू बनो मैंने बड़ी फटी फटी आंखों से उन्हें देखा था और कहा कि यह आप क्या कह रही हैं आंटी मैं और जीत एक दूसरे से प्यार करते हैं क्या आपने मुझे अभी तक एक्सेप्ट नहीं किया आखिर मुझ में ऐसी भी क्या कमी है तो वह कहने लगी कि तुम में ऐसी भी कोई खूबी नहीं है

जो तुम हमारे घर की बहू बन सको गरीब मिडिल क्लास कहीं की मेरे बेटे से अपनी बराबरी करने चली हो मेरी बेटी की दोस्त थी बस यहीं तक ठीक था लेकिन अब मैं तुम्हें अपने घर की बहू बर्दाश्त नहीं कर सकती मैं अपने पति और अपने बच्चों की खुशी के आगे मजबूर हो गई जो इस रिश्ते के लिए हां कर दी वरना मैं तुम्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं करती खानदानी लड़कियां खानदानी ही होती हैं खानदानी लड़कियां जब ससुराल जाती हैं तो उनकी की नस्ल भी उनकी तरह ही चलती है लेकिन जब गरीब घर की लड़कियां अमीर घर में पहुंच जाती हैं तो नस्लें खराब होने लगती हैं

मैं अपनी बेटी की शादी अपनी दोस्त की बेटी से करवाना चाहती हूं वो लड़की बेहद खूबसूरत है पढ़ी-लिखी है उसने अमेरिका से अपनी पढ़ाई कंप्लीट की है अमीर बाप की बेटी है और तुम क्या हो एक मामूली सी बीए फाइनल लड़की जिसने स्कॉलरशिप पर बड़ी यूनिवर्सिटी से फाइनल किया है वरना तुम्हारी इतनी औकात कहां कि तुम बड़ी यूनिवर्सिटी की शक्ल भी देख सकती मेरी बेटी को भी तुमने अपनी संगत में ले लिया वह भी तुम्हारी वजह से आगे ना पढ़ सकी

बस मैंने तुम्हारी बहुत हरकतें बर्दाश्त कर ली जिसने मेरी बेटी के दोस्त बनकर मेरे दोनों बच्चों के दिल दिमाग पर अपना कब्जा कर लिया है वह शादी के बाद ना जाने मेरे घर का क्या हाल करेगी आंटी की बातें सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए थे मैंने कहा आंटी यह आप कैसी बातें कर रही हैं मैं हमेशा आप लोगों की सेवा करूंगी वह कहने लगी कि सेवा करने की तुम्हें कोई जरूरत नहीं है बस तुम इतना कर दो कि आज जब दुल्हन बनकर तुम मंडप में बैठ जाओ तो इस शादी से इंकार कर देना

उनकी बातें सुनकर मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी मैंने कहा मैं ऐसा नहीं कर सकती आखिर आप ऐसा क्यों कर रही हैं क्यों हम दोनों की खुशियां छीनना चाहती हैं उन्होंने कहा देखो लड़की ज्यादा चालाकी मत करो मेरे साथ मैं जितना कहती हूं बस उतना ही करो अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं जहर खा लूंगी या फिर शादी के बाद तुम्हारा जीना दुश्वार कर दूंगी तुम्हें अपने बेटे से अलग करवा कर ही रहूंगी

अपने बेटे के दिल में तुम्हारे लिए इतनी नफरत भर दूंगी कि वह कभी तुम्हें पलट कर नहीं देखेगा इससे बेहतर यही होगा कि तुम अभी उसे छोड़ दो वरना शादी के बाद तुम्हारी जिंदगी बदतर हो जाएगी तुमने वो कहावत तो सुनी होगी ना घर का ना घाट का तुम शादी के बाद ऐसी हो जाओगी कि कहीं की नहीं रहोगी मैंने उनके आगे हाथ जोड़ दिए मैं फूट-फूट कर रोने लगी मैंने कहा प्लीज आंटी प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो

मगर वह कहने लगी कि अगर अपनी खुशहाल जिंदगी चाहती हो तो मेरी बात मान जाओ ऐसा नहीं है कि मेरी बात मानने पर तुम्हारा नुकसान होगा मैं तुम्हारा फायदा करूंगी मेरी दोस्त का कोई रिश्तेदार है अच्छा खासा पढ़ा लिखा है उसकी जॉब अभी हाल फिलहाल में अमेरिका में लगी है उसके आगे पीछे कोई नहीं है सिर्फ उसकी एक बहन है वो भी उसके साथ अमेरिका चली जाएगी अभी वह इंडिया में ही है कुछ दिनों बाद अमेरिका शिफ्ट हो जाएगा

लेकिन वह चाहता है कि उससे पहले उसकी शादी हो जाए रिश्ता बहुत अच्छा है तुम चाहो तो उस लड़के से शादी कर सकती हो मैं अभी उसे बुलाऊंगा तो वह अभी तुमसे शादी करने के लिए तैयार हो जाएगा बताओ तुम्हें मेरी शर्त मंजूर है लेकिन अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी और मेरे बेटे से जबरदस्ती शादी कर ली तो शादी के बाद मैं तुम्हारी जिंदगी अजीर कर दूंगी तुम अपनी मौत के लिए तस होगी तुम्हें कभी खुशियां नसीब नहीं होंगी

और अगर तुमने इस बारे में किसी को कुछ भी बताने की कोशिश की तो मुझसे बुरा तुम्हारे लिए कोई नहीं होगा तुम नहीं जानती कि मेरे एक इशारे पर तुम्हारे मां-बाप का कत्ल हो सकता है और उसका इल्जाम भी मैं आसानी से तुम पर लगवा सकती हूं अगर अपने मां-बाप की जिंदगी चाहती हो तो खामोशी से मेरी बात मान जाओ व काम मत करो जिसमें तुम्हारा नुकसान हो इधर तुम अपने होने वाले पति से भी जाओगी

और उधर अपने माता-पिता से भी अब तुम आराम से सोच लो कि तुम्हें कौन सा वाला रास्ता चुनना है जीत से शादी करनी है या फिर मेरी पसंद के लड़के से यह मैं किस मुसीबत में फंस गई थी मेरा तो रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था मैं बार-बार उनसे कह रही थी कि प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो मैं जीत को नहीं नहीं छोड़ सकती उन्होंने कहा कि तुम्हें ऐसा करना ही होगा अब मैं क्या करती मेरे पास कोई और रास्ता नहीं बचा था मैंने मजबूरी में आकर आंटी की बात मान ली थी

उन्होंने मेकअप आर्टिस्ट को कमरे के अंदर भेज दिया था वह मेरा मेकअप कर रही थी और लगातार मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे मेरा मन तो कर रहा था कि आज मेरी मौत हो जाए मगर कुछ नहीं हो सकता था आंटी गाड़ी में बैठी हुई मेरा इंतजार कर रही थी मेरी शादी में अभी एक घंटा रह गया था वह मुझे अप ने साथ ले गई और उन्होंने उस लड़के को भी बुला लिया जिसके साथ वह मेरी शादी करवाना चाहती थी लेकिन उस लड़की को देखकर मेरे होश उड़ गए थे

क्योंकि वह लड़का नहीं बल्कि एक उम्रद आदमी था उसकी उम्र मुझसे बहुत ज्यादा थी वह लगभग 45 साल की उम्र का था मगर अब मैं क्या कर सकती थी मैंने खामोशी से उसके साथ शादी कर ली वह बहुत खुश था मगर आंटी वहां से जा चुकी थी वह 45 साल का आदमी अब मेरा पति बन चुका था क्योंकि आंटी ने मेरी उसके साथ कोर्ट मैरिज कर वा दी थी मैं नहीं जानती थी कि मैंने जिसके साथ शादी के सपने सजाए थे मेरी शादी उसके अलावा किसी ऐसे इंसान से हो जाएगी

जिसके बारे में मैंने सोचा भी नहीं था मुझे अपनी जिंदगी उस समय बुरी लगने लगी थी शादी होने के बाद मैं मैरिज हॉल चली गई थी जहां पर मेरी बारात आने वाली थी वहां जाकर मैं अपने मम्मी पापा को बताना चाहती थी कि मेरी शादी हो गई है लेकिन वहां तो एक नया हंगामा मेरा इंतजार कर रहा था जब दरवाजे पर ही मुझे देखकर भागता हुआ जीत मेरी तर तरफ आया था उसने मुझे झंझोट हुए कहा था कि तुम पार्लर से कहां चली गई थी मैं तुम्हें ढूंढते ढूंढते परेशान हो गया हूं

अब जल्दी से आओ और मंडप में बैठो शादी का महूरत निकला जा रहा है मैं धीरे-धीरे कदमों से उसके साथ मंडप में जाकर बैठ गई थी सब लोगों की नजरें मुझ पर टिकी हुई थी और सबकी नजरों में यही सवाल था कि मैं पार्लर से कहां गायब हो गई थी क्योंकि जीत मुझे पार्लर से लेने गया था जब मैं वहां उसे नहीं मिली तो वह बहुत परेशान हो गया था और अब वह यहां हॉल में मुझे तलाश करने के लिए आया था तभी जब मेरा उससे सामना हो गया

तो वह मुझे मंडप में लेकर बैठ गया पंडित जी ने मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए थे जब मैंने अपनी कराहती हुई आवाज में कहा कि यह शादी नहीं हो सकती मेरे मुंह से निकले हुए शब्द जीत के दिल को चीर कर रह गए थे वह कहने लगा कि यह तुम क्या कह रही हो यह समय मजाक का नहीं है प्लीज शुब शुभ बोलो मैंने कहा कि मैं मजाक नहीं कर रही हूं यह शादी नहीं हो सकती जीत कहने लगा कि तुम पागल हो गई हो खामोश बैठी रहो

इस बार मैंने घूरते हुए जीत से कहा था कि मैं सच कह रही हूं मैं तुमसे शादी नहीं करना चाहती जीत ने कहा रचना अगर तुम मुझसे किसी बात पर नाराज हो तो प्लीज इस समय यह बातें मत निकालो जब शादी हो जाएगी तो उसके बाद जितना मन करे उतना मुझसे लड़ लेना लेकिन प्लीज अभी शादी कर लो मैं झटके से उठी और अपने हाथों में पहनी हुई चूड़ियां झटके से उतारने लगी जीत कहने लगा कि तुम क्या कर रही हो पागल हो गई हो क्या

मैंने कहा हां मैं पागल हो गई हूं मैं तुम्हारे साथ शादी नहीं करना चाहती मैं तुमसे प्यार नहीं करती जीत कहने लगा यह तुम कैसी बातें कर रही हो वह प्यार मोहब्बत की बातें वह साथ निभाने के वादे क्या तुम सब कुछ भूल गई हो मैंने कहा हां मैं सब कुछ भूल गई हूं मुझे नहीं करनी तुमसे शादी मैं तुमसे प्यार नहीं करती आखिरकार तुम चाहते क्या हो कि तुम्हारे साथ शादी करके मैं सारी जिंदगी तुम्हारे इशारों पर चलूं जीत कहने लगा

मैंने कभी तुम पर किसी तरह की पाबंद नहीं लगाई जो तुम मेरे इशारों पर चलोगी उसने मेरे आगे हाथ जोड़ दिया और वह कहने लगा कि प्लीज मेरे और मेरे मां-बाप की इज्जत का तमाशा मत बनाओ रचना खामोशी से इस समय शादी कर लो तुम्हें जितना लड़ना है मुझसे अकेले में लड़ लेना यहां सारे मेहमान आए हुए हैं सब लोग हमें देख रहे हैं पीछे से मेरी मम्मी भी मेरे करीब आ गई और कहने लगी कि रचना तुम्हें क्या हो गया है मैंने उनको भी धकेल दिया

और कहा कि मुझे किसी की कोई बात नहीं सुननी और हां मेरी एक बात आप सब लोग कान खोलकर सुन लीजिए मेरी शादी हो चुकी है मुझसे अब कोई शादी के बारे में ना कहे यह बात सुनकर तो सबकी आंखें जैसे फटी की भटी रह गई थी सबके होश उड़ गए थे जीत कहने लगा कि तुम क्या कह रही हो मैं जानता हूं तुम मुझे तंग करने के लिए ये सब कुछ कर रही हो मैंने कहा कि तुम्हें जो समझना है समझो मैं शादी कर चुकी हूं और मेरा पति वो रहा

मैंने दरवाजे की तरफ जब इशारा किया तो मेरा पति धीमे-धीमे कदमों से चलता हुआ अंदर की तरफ आया था था उसे देखकर सब लोग दहल करर रह गए थे सबने अंदाजा लगा लिया था कि उसकी उम्र बहुत ज्यादा है मगर मैंने उससे शादी क्यों की यह सारे सवाल उनके दिमाग में घूम रहे थे तभी जीत की मम्मी मेरे कदमों में आकर गिर गई और रोने लगी कहने लगी कि रचना प्लीज मेरे बेटे के साथ ऐसा मत करो वह तुमसे बहुत प्यार करता है तुम यह सब क्या कर रही हो

मेरा बेटा तुम्हारे बिना अधूरा रह जाएगा जगजीत ने अपनी मां को सहारा देते हुए उठाया और कहा कि नहीं मम्मी ऐसी लड़की के आगे आपको झुकने की कोई जरूरत नहीं है यह हमारी रचना नहीं है यह कोई और लड़की है रचना तो ऐसी थी ही नहीं वह अपनी मां को ही कहते हुए वहां से ले गया था और उसने साथ ही साथ मुझे यह भी कह दिया था कि मैं तुम्हें कभी सारी जिंदगी माफ नहीं करूंगा मैं तुमसे बहुत प्यार करता था तुम मुझे सता करर कभी खुश नहीं रहोगी

मेरा पति मेरा हाथ थामकर खड़ा हो गया और कहने लगा कि अब तुम्हें यहां से चलना चाहिए रचना यहां अब तुम्हारा कोई नहीं है इतने में ही मेरे मम्मी पापा मेरे करीब आए मेरी मम्मी ने मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मार दिया था वह कहने लगी कि बहुत अच्छा किया तुमने आज हमारी इज्जत को रौंद कर क्या हमने तुम्हें यही संस्कार दिए थे बगैर लड़की आज तुमने यह बात सच साबित कर दी है कि बेटियों को ज्यादा लाट प्यार देकर नहीं बिगाड़ना चाहिए

तुम्हें अगर यह शादी नहीं करनी थी तो हमें पहले बता देती इतना तमाशा लगाने की क्या जरूरत थी मेरे पति ने मेरा हाथ थामा और कहने लगा यहां से चलो रचना वह जबरदस्ती मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने साथ वहां से ले गया था और मैं फूट-फूट कर रो रही थी हर किसी की नजरों में मेरे लिए शिकवा था अगर किसी की नजरों में शिकवा नहीं था तो वो थी मेरी दोस्त पिंकी जो खामोश एक तरफ खड़ी हुई आंसू बहा रही थी उसने मुझसे कुछ नहीं कहा था ना जाने उसकी नजर में मेरे लिए शिकवा क्यों नहीं था

यह तो मैं नहीं जानती थी लेकिन उस दिन मैं सब कुछ छोड़कर अपने पति के साथ उसके घर में आ गई थी मैं उसके साथ एक हफ्ता रही और फिर उसके बाद वह मुझे अपनी बहन को लेकर अमेरिका में शिफ्ट हो गया था मेरी जिंदगी उसके साथ ठीक-ठाक गुजर रही थी उसकी बहन की उम्र भी काफी हो गई थी और उसकी भी अभी तक शादी नहीं हुई थी उसने मुझे एक फ्लैट में रखा हुआ था वक्त काफी हद तक आगे बढ़ चुका था मेरा एक बेटा भी था

जिसकी उम्र 2 साल हो गई और फिर मेरे साथ यहां भी कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरी जिंदगी को बदल कर रख दिया था मेरा पति पार्टनरशिप में अपने एक दोस्त के साथ अपना बिजनेस शुरू करने जा रहा था उसका वह दोस्त एक दिन हमारे यहां खाने पर आया था जब उसने मुझे देखा तो उसकी गंदी नजर मुझ पर पड़ी थी उसने मेरी खूबसूरती की बहुत तारीफ की थी हालांकि उसकी उम्र भी मेरे पति की उम्र की जितनी ही थी उसके दो जवान बच्चे थे

लेकिन उसकी पत्नी मर चुकी थी उसने मुझे तंग करना शुरू कर दिया था घर पर जब कोई नहीं होता तो वह बार-बार मेरे पति के बहाने से आया करता था मुझे बहुत तंग किया करता था मेरा नंबर भी उसके पास ना जाने कैसे पहुंच गया था वह मुझे बार-बार कॉल करता था मैं उसे मना करती थी कि मैं उसकी शिकायत अपने पति से कर दूंगी मगर वह मुझे डराता था धमका था एक दिन जब वह मेरे पति की गैर मौजूदगी में मेरे घर आया तो मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा

मैं जोर-जोर से चिल्ला रही थी जब मेरा पति भी इस समय घर के अंदर आ गया मेरे पति ने जब अपने दोस्त को यह हरकत करते हुए देखी तो उसको गिरेबान से पकड़ लिया उसने अपनी सफाई में कहा कि यार तू तो मुझे अच्छी तरह से जानता है कि मैंने कभी अपनी पत्नी के अलावा किसी दूसरी औरत पर नजर भी नहीं उठाई तेरी पत्नी ने जिस दिन से मुझे देखा है वह उसी दिन से मुझ पर डोरे डाल रही है मुझे कॉल करके अपने घर बुलाने को कहती रहती है कि मेरा पति मुझे पसंद नहीं है

मुझे तो आप पसंद हो और आज भी मैं तेरी पत्नी के बुलाने पर ही यहां पर आया हूं यह यहां पर मेरे साथ जबरदस्ती कर रही थी मेरे पति ने उसका गिरेबान छोड़ दिया व मेरे पास आया और कहने लगा क्या यह सच कह रहा है मैं घबराते हुए अपने पति से कहने लगी कि नहीं आपका दोस्त झूठ बोल रहा है ऐसा कुछ भी नहीं है मेरा पति कहने लगा कि तुम्हारी हकीकत आज मेरे सामने खुल गई है क्योंकि शादी से पहले भी तुम किसी और से प्यार करती थी

उसे भी तुमने धोखा दिया और आज इतने सालों बाद मुझे भी तुम धोखा दे रही हो इससे साफ जाहिर होता है कि तुम एक धोखेबाज लड़की हो वह मेरे मुंह पर थप्पड़ मारने जा रहा था जब उसने अपना हाथ रोक लिया और मैंने अपने गाल पर जल्दी से हाथ लगा लिया था वह कहने लगा कि तुमसे तो मैं बाद में पूछूंगा पहले मैं इससे निपट लूं व अपने दोस्त की तरफ गया उन दोनों दोस्तों में आपस में बहुत लड़ाई होने लगी थी उन दोनों के बीच इतनी लड़ाई होने लगी कि हाता पाई चालू हो गए

मैं उन दोनों को बचाने की कोशिश कर रही थी मगर दोनों ने मुझे एक तरफ को धकेल दिया था मेरे पति को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था मेरे पति का बस नहीं चलता कि वह उसे जान से मार देते मगर वह मेरे पति से अपने आप को बचाने की कोशिश कर रहा था टेबल पर फ्रूट्स रखे हुए थे और बराबर में ही चाकू भी रखा हुआ था जब उसने उस चाकू को उठा लिया और मेरे पति के पेट में घूप दिया मेरे पति दर्द से तड़पने लगे थे मौका देखकर वह वहां से भाग गया

मैं अपने पति को संभालने की कोशिश करने लगी मैं बहुत डर गई थी इसलिए अपने पति के पेट से चाकू निकालने की कोशिश कर रही थी उस पर मेरे फिंगरप्रिंट्स आ गए थे मैंने अपने पति के पेट से वो चाकू निकाल लिया था और मैं उनको संभालते हुए अस्पताल लेकर जाने वाली थी जब मेरे पति ने दम तोड़ दिया मैं अपने पति की मौत पर बहुत रो रही थी आसपास के लोगों को जब यह खबर हुई तो मेरे घर में बहुत सारे लोग इकट्ठा हो गए थे पुलिस को फोन कर दिया गया था

और जब पुलिस आई तो पुलिस ने मुझे अरेस्ट कर लिया मेरे पति की मौत का सारा इल्जाम मुझ पर आ गया था और मैं जेल चली गई थी दो दिन बाद मुझे मेरी नंद ने वहां से जमानत पर रिहा कर दिया था उसने अपने भाई का केस वापस ले लिया था क्योंकि वह जानती थी कि मेरी कोई गलती नहीं है और अब मैं उसके घर में बैठी हुई अपनी पुरानी जिंदगी को याद कर रही थी मेरे हाथ में मोबाइल था और मैं चाहती थी कि मेरी किसी से बात हो जाए मेरे मम्मी पापा तो मुझसे बेहद नाराज होंगे

वह तो कभी मुझसे बात नहीं करेंगे और ना ही मुझसे कभी जीत बात करेगा लेकिन एक इंसान है जो मुझसे बात कर सकता है वह है मेरी दोस्त पिंकी मैंने उसका नंबर डायल किया कई बार रिंग गई थी मगर किसी ने फोन नहीं उठाया था फिर मैंने दो-तीन बार जब और कॉल लगाई तो कॉल रिसीव हो गई थी मैंने कॉल रिसीव करते ही कहा कि कैसी हो पिंकी तुम्हें मेरी याद नहीं आई कभी तुमने मेरी खबर लेने की कोशिश नहीं की मेरी बात सुनकर उधर फोन पर पिंकी जोर-जोर से रोने लगी थी

और कहने लगी कि रचना तुम कहां चली गई थी तुमने भी तो मुझे याद नहीं किया तुम कहां पर हो प्लीज मुझे बताओ मैं तुमसे मिलना चाहती हूं मैंने कहा कि मैं भी तुमसे मिलने के लिए बेचैन हो रही हूं रचना ने मुझसे कहा तो फिर तुम मुझे एड्रेस बताओ मैं तुमसे मिलने के लिए आ रही हूं रचना मुझसे मिलने के लिए मेरे नंद के घर आ गई थी जब 5 साल के बाद उसने मुझे देखा तो गले लगकर फूट-फूट कर रोने लगी मैंने उसे अपने बारे में सब कुछ बता दिया था

वह कहने लगी कि तुमने तो मुझे पराया ही समझ लिया था इतना सब कुछ हो गया तुमने मुझे क्यों नहीं बताया मैंने कहा शायद तुम भी मुझे गलत समझती तो वह कहने लगी कि गलत तो मैंने तुम्हें उस दिन भी नहीं समझा था जिस दिन तुम सब कुछ छोड़कर यहां से जा रही थी मैंने उसको अजीब सी नजरों से देखा था क्योंकि वह समझ गई थी कि मेरी नजरें उससे सवाल कर रही हैं वह कहने लगी कि मैं सब कुछ जानती हूं कि तुम्हारे साथ यह सब किसने किया था

क्योंकि मैंने शादी से दो दिन पहले मम्मी को फोन पर बात करते हुए सुन लिया था वह तुम्हारे पति से बात कर रही थी उन्होंने उससे कहा था कि वह रचना को शादी के लिए तैयार कर लेंगी इस तरह उस उम्रद आदमी को कुंवारी और कम उम्र की खूबसूरत लड़की भी मिल जाएगी और उनका भी पीछा छूट जाएगा मैंने मौके पर ही मम्मी को पकड़ लिया था और उनसे कहा था कि आप यह सब क्या कर रही हैं क्या आप भैया और रचना को अलग करना चाहती हैं

मम्मी ने मेरा हाथ दबोच हुए कहा था कि अब तुम्हें सब कुछ पता चल गया है तो इस बारे में किसी को कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है मैंने उनसे कहा था मगर मैं पाप और भैया को यह सब बात बता कर ही रहूंगी आखिर आप यह बहुत गलत कर रही हो आप रचना की शादी कहीं और करवाना चाहती हो मम्मी ने कहा था कि अगर तुम अपनी शादी अपनी पसंद के लड़के के साथ करना चाहती हो तो फिर खामोश रहो वरना मैं तुम दोनों को भी अलग कर दूंगी

मैंने कहा मम्मी जब मेरी शादी के लिए आप तैयार हो गई हो तो फिर आप भैया और रचना को क्यों अलग करना चाहती हो मम्मी कहने लगी कि जिस लड़के को तुम पसंद करती हो वह लड़का अमीर परिवार का है हमार स्टैंडर्ड का है लेकिन वह रचना कुछ भी नहीं है वह कभी हमारे घर की बहू नहीं बन सकती मम्मी ने मुझे बहुत डराया धमकाया था कहा था कि खामोश रहो और जो हो रहा है होने दो इससे पहले मैं तुम्हारा भी रिश्ता खत्म करवा दूं मैं बहुत मतलबी हो गई थी

अपनी मोहब्बत खोने के डर से मैंने तुम्हारे बारे में किसी को कुछ नहीं बताया मैं बहुत मजबूर थी मैं राहुल से अलग नहीं होना चाहती थी इसलिए मैं खामोश रही मगर तुम्हारे जाने के बाद मुझे बहुत अफसोस हुआ था कि मुझ मुझे डैड और भैया को सब कुछ बता देना चाहिए था तुम्हारे जाने के दो महीने के बाद मेरी शादी हो गई थी लेकिन भैया ने आज तक कभी शादी नहीं की भैया कहते हैं कि वह किसी लड़की से शादी नहीं करना चाहते वह बहुत बदल गए हैं

हंसना बोलना भूल गए हैं सबको तुम गलत लगती हो मगर मैं जानती हूं कि तुमने मजबूरी में यह कदम उठाया था क्योंकि मम्मी तुम्हें ब्लैकमेल कर चुकी थी लेकिन मम्मी को उनके किए की सजा मिल गई मैंने चौक कर पिंकी की तरफ देखा था वह कहने लगी कि मैं सच कह र रही हूं मम्मी एक बहुत बड़ी बीमारी का शिकार हो गई है और इतनी बीमार हो गई है कि अब बिस्तर से लग गई है उनका पूरा शरीर लाचार हो गया वह तुमसे तो अपने किए की माफी नहीं मांग सकती

मगर मुझसे माफी मांगती रहती है कि तुम किसी भी तरह रचना को ढूंढ लो मैंने उसके और अपने बेटे के साथ बहुत गलत किया मुझे इसी की सजा मिली है तुम मेरे साथ चलो मम्मी तुमसे माफी मांगना चाहती हैं मैंने कहा अगर मैं वहां गई तो मेरा सामना जीत से होगा मैं उससे किस तरह सामना करूंगी ना कहने लगी कि तुम फिक्र मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा वह मुझे और मेरे बेटे को लेकर अपने घर आ गई थी जब मैं वहां गई तो मैंने देखा कि आंटी के कर्राहने की आवाज आ रही थी

वह तकलीफ से गुजर रही थी मैं उनके कमरे में गई वह मुझे देखकर बिस्तर पर लेटे-लेटे आंसू बहाने लगी और हाथ जोड़कर मुझसे माफी मांगने लगी मगर अब उनकी माफी मांगने का कोई फायदा नहीं था क्योंकि वक्त काफी हद तक आगे गुजर चुका था और गुजरा हुआ वक्त कभी वापस नहीं आता मेरी जिंदगी तो वोह बर्बाद कर चुकी थी मैंने उन्हें माफ कर दिया था मैं उनके कमरे से निकल ही रही थी जब दरवाजे पर ही मेरी टक्कर जीत से हो गई जीत ने मुझे घूरती हुई नजरों से देखा था

उसकी आंखों में खून खोल रहा था उसने मेरा हाथ मरोड़ कर मेरी कमर से लगा दिया और कहने लगा अब क्या लेने आई हो यहां क्या दोबारा से मेरे जख्मों पर नमक छिड़कने के लिए आई हो या फिर मेरी हालत पर हंसने के लिए आई हो मैंने कहा जीत प्लीज मुझे माफ कर दो छोड़ दो मुझे तभी पिंकी आई और उसने अपने भाई को धकेल कर पीछे किया था उसने कहा भैया यह तुम इसके साथ क्या कर रहे हो आज मैं चुप नहीं रहूंगी

आज मैं आपको सारी सच्चाई बताकर ही रहूंगी इसने आपके साथ जो कुछ भी किया इसमें इसकी कोई गलती नहीं थी आप जानना चाहेंगे कि इसे उस आदमी से शादी करने पर मजबूर किसने किया था जीत ने पिंकी से कहा कि तुम खामोश हो जाओ हमेशा तुम अपनी दोस्त की साइड लेती हो तुम्हें तो अपने भाई की तकलीफ नजर ही नहीं आती उसका तड़पना नजर नहीं आता कि ये किस तरह रोता हुआ मुझे छोड़कर चली गई थी पिंकी कहने लगी कि मैं आपकी तकलीफ समझती हूं

लेकिन उस इंसान ने आपकी तकलीफ नहीं समझी जिसने इसे ऐसा करने पर मजबूर किया था यह तो आपसे बहुत प्यार करती थी जीत कहने लगा अच्छा तो फिर वह इंसान कौन है मुझे बताओ उसके बारे में पिंकी ने अपने भाई को मेरे सामने सब कुछ बता दिया था जबकि मैं नजर झुकाए सिर्फ आंसू बहा रही थी जब जीत ने सुना कि उसकी मां ने यह सब कुछ किया था तो उसको यकीन नहीं आ रहा था उसने अपनी बहन से कहा था कि तुम मेरी मम्मी के बारे में यह कैसे शब्द इस्तेमाल कर रही हो

मम्मी ऐसा कभी नहीं कर सकती यह लड़की ही गलत है तभी पिंकी ने अपने भाई का हाथ पकड़ा और वह उसे कमरे के अंदर ले गई थी और अपनी मां से कहने लगी कि आज भैया के सामने आपको सब कुछ सच-सच बताना होगा पिंकी की मम्मी बिस्तर पर लेटे हुए फूट-फूट कर रो रही थी और इस दिन उन्होंने अपनी गलती अपने बेटे के सामने एक्सेप्ट कर ली थी जब जीत ने अपनी मां के मुंह से उनकी गलती सुनी तो उसने अपनी मां से कहा कि आपको शर्म नहीं आती

आपने अपने बेटे के साथ इतना सब कुछ कर दिया अपने बेटे की खुश छीन ली तभी तो मैं सोचूं कि ना जाने आपको क्या हो गया आप तो बहुत अच्छी थी भगवान ने आपको इतनी बड़ी बीमारी में कैसे डाल दिया अब मुझे समझ आया कि आपने हम दोनों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया था उसी की सजा आपको मिली है जीत की मां रो-रो कर उससे कह रही थी कि बेटा मुझे माफ कर दो मुझे नहीं पता था कि तुम इससे इतनी मोहब्बत करते हो कि इसके जाने के बाद भी तुम कभी शादी नहीं करोगे

मैं तो तुम्हारी शादी अपने स्टैंडर्ड की और अपनी पसंद की लड़की के साथ करवाना चाहती थी बस इसीलिए मैंने यह सब कुछ किया मगर देखो बुरा करने वाले इंसान के साथ हमेशा बुरा होता है मैंने अपने बेटे की खुशियों के बारे में कभी नहीं सोचा तो आज मेरी हालत इतनी बुरी हो गई वो लोग कमरे के अंदर यह सब बातें कर रहे थे इतने में ही मैं अपने बेटे को लेकर वहां से निकल आई थी मैं दरवाजे तक ही पहुंची थी जब जीत मेरे पीछे भागता हुआ आया और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया

उसने कहा कि मुझे माफ कर दो रचना प्लीज मेरी जिंदगी में शामिल हो जाओ मैं अपने किए पर बहुत शर्मिंदा हूं मेरी मम्मी ने जो भी किया मैं उनकी तरफ से तुमसे माफी मांगता हूं मैंने कहा मगर मैं अब तुम्हारे काबिल नहीं रही तो वह कहने लगा क्या ऐसा करने की भी तो तुम्हारी वो कहने लगा तो ऐसा करने के लिए भी तो तुम्हें मेरी मम्मी ने ही मजबूर किया था मैं अपनी और अपनी मम्मी की गलती सुधारना चाहता हूं मैं तुम्हें और तुम्हारे बेटे को एक्सेप्ट करने के लिए तैयार हूं

तुम आज भी मेरी हो और मेरी ही रहोगी इस तरह जीत ने मुझे एक्सेप्ट कर लिया था जब सबको यह बात पता चल गई तो सब ने मेरी तरफ से अपना दिल साफ कर लिया था और किसी को भी यकीन नहीं था कि जीत की मम्मी इतना गिर सकती थी फिर खुशी-खुशी मुझे जीत की दुल्हन बना दिया गया था इतने सालों के बाद ही सही मगर मैं जीत की पत्नी बनकर उसके घर में आ गई थी और मैंने अपनी सास की बहुत सेवा की थी मेरी सास मुझसे बहुत खुश हुई थी आज इस बात को काफी साल गुजर गए

मगर आज भी मेरी सास मुझसे अपनी शर्मिंदगी जाहिर करती है और मेरा पति आज तक अपनी मां से बात नहीं करता कुछ माएं ऐसी होती हैं जो अपनी खुशियों के आगे अपने बच्चों की खुशियों को मार देती हैं मगर फिर वह य नहीं सोचती कि उनके बच्चे टूट कर रह जाते हैं मां-बाप के लिए हमेशा उनके बच्चों की खुशियां ज्यादा अहम होनी चाहिए क्योंकि जिंदगी तो दो पल की है और अगर इस दो पल की जिंदगी को खुशी से गुजारा जाए तो ज्यादा बेहतर है

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