पारिवारिक हिंदी स्टोरी | Suvichar Hindi Story | Moral Hindi Story | Best Hindi Story

Suvichar Hindi Story : मेरा नाम नैना है एक दिन मैं अपने ऑफिस गई तो मैंने देखा कि वहां पर एक नया एंप्लॉय आया था उसकी अभी नई-नई नौकरी लगी थी मगर वह मुझे बड़ा अजीब लगता था उसकी नजरें मुझे अपने शरीर पर चुपति हुई महसूस होती थी ऐसा लगता था जैसे वह मुझे एक ही नजर में खा जाएगा मुझे उसका यह अंदाज बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था इसलिए मैंने उसकी शिकायत अपने बॉस से कर दी

मगर दो-तीन दिन गुजरने के बाद उस एंप्लॉई ने मेरे साथ उसने तो मेरी जिंदगी ही तबाह कर दी थी उसने मेरे साथ कुछ ऐसा किया था जिसके बारे में सोच सोच कर मेरे होश उड़ जाते हैं मैं उसे शायद कभी माफ नहीं करूंगी क्योंकि वह तो मेरी जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी भगवान का दिया हमारे पास सब कुछ था मेरे पापा की तबीयत खराब रहती थी वह तो ज्यादा काम नहीं करते थे अपने समय में उन्होंने भी काफी मेहनत की थी

उनकी मेहनत का ही तो नतीजा था जो आज हम इतने बड़े घर में रह रहे थे फिर धीरे-धीरे हम तीन फिर धीरे-धीरे हम भाई बहन जवान हुए हम दो बहनें और हमारा एक ही भाई था हम अपने भैया से बहुत प्यार करते थे वह हम सबकी लाडले थे कई सालों पहले मेरे पापा अपनी फैक्ट्री में काम कर रहे थे जब अचानक काम करते-करते उनकी तबीयत बिगड़ गई उन्हें अस्पताल ले जाया गया तो पता चला कि उनको एक बहुत बड़ी बीमारी है

उस समय मेरे भैया की उम्र 18 साल थी वह अपनी पढ़ाई कर रहे थे मगर जब पापा घर में बीमार रहने लगे और उन्होंने फैक्ट्री जाना बंद कर दिया तो भैया ने फैसला किया कि वह अब आगे और नहीं पढ़ेंगे अब वह कोई नौकरी करेंगे मेरे भैया ने नौकरी करनी शुरू कर दी थी और फिर भैया ने भी हमें किसी चीज की कमी नहीं होने दी उन्होंने साथ ही साथ पापा का इलाज भी करवाया और अपने काम पर भी ध्यान दिया मेरी दीदी जो कि मुझसे सिर्फ 4 साल बड़ी थी

हम दोनों बहने एक दूसरे के साथ बिल्कुल दोस्तों की तरह रहते थे मम्मी कहती थी कि इन दोनों बहनों के रिश्तों को कभी नजर ना लगे हम दोनों कभी दूसरे से लड़ाई झगड़ा नहीं करते थे और यही वजह थी कि हम दोनों अपने भाई से भी बराबर का प्यार किया करते थे मम्मी बहुत खुश होती थी क्योंकि हमारे दो चाचा थे और उन दोनों के परिवार में ही उनके बच्चों को लेकर कोई ना कोई प्रॉब्लम चल रही थी

मेरे बड़े चाचा का बेटा एक लड़की को पसंद करता था जबकि चाचा को लड़की बिल्कुल भी पसंद नहीं थी मेरे छोटे चाचा की दो बेटियां थी और दोनों ही पढ़ाई में बिल्कुल बेकार थी मेरे चाचा चाहते थे कि वह पढ़ लिखकर कामयाब बने ताकि अपने पिता का सहारा बन सके जैसे आज मेरे भैया मेरे पापा का सहारा बन गए हैं जबकि मेरी दीदी भी अपनी पढ़ाई पर फोकस कर रही थी और दीदी का भी यही कहना था कि जैसे ही उनकी पढ़ाई पूरी होती है

वह भी जॉब करने लग जाएंगी मैं भी यही चाहती थी कि मेरी भी पढ़ाई पूरी हो जाए और मैं भी जॉब करने लगूं हम लोगों ने ठान लिया था कि हम इतनी जल्दी शादी नहीं करेंगे पहले हम अपने लिए कुछ सेविंग्स कर लेंगे हमारा बहुत बड़ा घर था हम चाहते तो उसे आधा बेचकर अपने लिए काफी रकम इकट्ठी कर सकते थे मगर यह घर मेरे पापा ने बड़ी मेहनत से बनाया था मेरी मम्मी ने अपने हाथों से इस घर को सजाया था

इसीलिए हम चाहकर भी इस घर को नहीं बेच सकते थे हमारे इस घर को खरीदने के लिए बहुत सारे लोग आते थे क्योंकि यह घर बहुत खूबसूरत बना हुआ था मगर हम लोग चाहकर भी इसको बेचने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे भैया की अच्छी जॉब लग गई थी भैया अच्छा कमाते थे उनकी अकेली कमाई से ही हमारा घर चल रहा था पापा बहुत खुश थे और अफसोस भी करते थे कि अब भैया उन्हें कोई काम करने नहीं देते भैया कहते थे कि पापा आप अपनी तबीयत पर ध्यान दो

अपना ख्याल रखा करो अब मैं हूं ना आपका सहारा बनने के लिए इस घर को चलाने के लिए तो फिर आपको नौकरी करने की कोई जरूरत नहीं है फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने हमारी जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर रख दिया था सुबह का समय था भैया बड़ी खुशी-खुशी हम दोनों बहनों को लेकर और मम्मी पापा का आशीर्वाद लेकर घर से निकले थे भैया की ड्यूटी होती थी कि वो जब सुबह अपने ऑफिस जाते थे

तो अपनी बाइक पर मुझे और दीदी को कॉलेज छोड़ने के लिए जाया करते थे हम दोनों बहनें एक ही कॉलेज में पढ़ती थी पहले वह हमें कॉलेज छोड़ दिया करते थे और उसके बाद अपने ऑफिस चले जाते थे उस दिन भी हम दोनों बहने भैया के साथ कॉलेज जाने के लिए निकली थी मैंने देखा था कि ना जाने क्यों भैया के चेहरे पर एक अजीब सी परेशानी छाई हुई थी मैंने भैया से पूछा भी था तो भैया कहने लगे कि पता नहीं क्यों मुझे कुछ अजीब अजीब सा महसूस हो रहा है

मैंने और दीदी ने कहा भी था कि अगर आपकी तबीयत ठीक नहीं है तो आप घर में आराम करें आज आप ऑफिस ना जाएं हम दोनों बहनें कॉलेज भी खुद चले जाएंगे तो भैया कहने लगे कि अरे नहीं नहीं मेरी तबीयत तो बिल्कुल ठीक है बस कुछ अजीब सी घबराहट सी हो रही है हमारे लाग समझाने के बावजूद भी भैया नहीं माने और हम दोनों बहनों को कॉलेज छोड़कर वह अपने ऑफिस के लिए निकल गए थे हम अपने कॉलेज में बेफिक्र से पढ़ाई कर रहे थे

हमें कॉलेज आए हुए अभी दो घंटे ही गुजरे थे कि अचानक कॉलेज के ऑफिस में हम दोनों बहनों को बुलाया गया था हम दोनों जब वहां पहुंचे तो पता चला कि हमारे घर में कुछ इमरजेंसी हो गई है इसलिए हमें बुलाया गया है हमारे लिए घर से कॉल आ गई थी हम दोनों बहनें घर के लिए रवाना हो गए थे मगर जैसे ही हम घर पर गए तो यह देखकर हमारे पैरों तले से जमीन निकल गई थी कि हमारे घर पर बहुत ज्यादा भीड़ थी बहुत सारे लोग आए हुए थे

ना जाने क्या बात थी जैसे-जैसे हम दोनों ने अंदर की तरफ कदम बढ़ाया तो हमें रोने पीटने की आवाज आने लगी एक तरफ मम्मी दीवार से लगी फूट-फूट कर रो रही थी तो दूसरी तरफ कुछ लोग मेरे पापा को संभाल रहे थे मगर जैसे ही हमने सामने की तरफ देखा तो हमारे होश उड़ गए थे क्योंकि भैया की लाश हमारे सामने ही पड़ी हुई थी हमारे भैया का जोरदार एक्सीडेंट हुआ था जिस समय उन्होंने हमें कॉलेज छोड़ा था

उसके बाद ही जब वह अपने ऑफिस जा रहे थे तो ऑफिस जाने के रास्ते पर ही उनको किसी गाड़ी ने जोरदार टक्कर मार दी थी उनका तभी एक्सी डेंट हो गया था इन दो घंटों में हमारी पूरी जिंदगी तहस नहस हो गई थी हमारा सब कुछ हमारा भाई ही तो था जो हमारा इतना ख्याल रखता था हम दोनों बहनें फूट-फूट कर रोने लगी थी मेरे भैया का एक्सीडेंट इतना खतरनाक हुआ था कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी

हमें तो यकीन ही नहीं आ रहा था कि हमसे इतना प्यार करने वाला भाई जिसने दो घंटे पहले हमें कॉलेज में छोड़ा था जो बहुत खुश नजर आ रहा था और साथ ही साथ उसके चेहरे पर परेशानी भी थी उनके मन में घबराहट थी शायद उसकी मौत उसका इंतजार कर रही थी अब वह हमारे सामने एक बेजान लाश की तरह पड़ा हुआ था भैया का अंतिम संस्कार कर दिया गया था भैया की मौत पर ना जाने क्यों हम लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वह हमें इस दुनिया से छोड़कर जा चुके हैं

मम्मी पापा का तो रो-रो कर बुरा हाल था सबसे ज्यादा तो हम पापा को संभाल रहे थे क्योंकि पापा भैया के मरने से और भी ज्यादा परेशान हो गए थे कई दिन इसी तरह से गुजर गए पापा पहले से ज्यादा बीमार रहने लगे थे मम्मी भी खुद को संभाल नहीं पा रही थी मगर जैसे-तैसे हम लोगों को अपने डेली रूटीन पर आना था भला किसी जाने वाले इंसान को लोग कब तक याद कर सकते हैं याद तो दिल में रहती है मगर उसका गम एक ना एक दिन दिल से निकालना ही पड़ता है

उसकी मौत को भूलना ही पड़ता है और फिर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करनी पड़ती है हमने भी बड़ी मुश्किल से अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की थी जब तक दीदी की पढ़ाई पूरी नहीं हुई थी तब तक हमारे घर में बहुत परेशानियां आने लगी थी पापा तो पूरी तरह से बिस्तर से लग चुके थे उनका इलाज भी चल रहा था मम्मी घर के सारे काम किया करती थी हम दोनों की पढ़ाई का भी खर्चा था दीदी की पढ़ाई पूरी ही होने वाली थी दीदी ने कह दिया था कि अब वह किसी नौकरी की तलाश करेंगी और वह नौकरी किया करेंगी

भैया की तरह वह पापा का सहारा बनेंगी हम सबको संभालेंगे मेरी दीदी बहुत अच्छी थी मैंने उन्हें कहा था कि दीदी अभी मेरी पढ़ाई पूरी होने में 4 साल का समय है मैं भी आपके साथ नौकरी करूंगी और जितना हो सकेगा आपका हाथ बटाऊंगा दी की नौकरी एक अच्छी कंपनी में लग गई थी दीदी जॉब करने लगी थी जबकि मैंने घर में ही ट्यूशन के लिए कुछ बच्चे लगा लिए थे उनमें से भी मेरे पास पैसे आते रहते थे मम्मी पापा भैया को याद करके बहुत रोया करते थे

हम उन्हें तसल्ली देते थे कि भैया ना सही हम आपका सहारा हैं कई दिन इसी तरह से गुजर गए थे और फिर वक्त के साथ-साथ मेरी भी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी मेरी दीदी तो अभी भी उसी कंपनी में नौकरी कर रही थी जबकि मैं भी जॉब करना चाहती थी इसलिए मैंने दीदी से कहा था कि वह मेरी भी कहीं पर जॉब लगवा दे अगर वह चाहे तो मेरी जॉब अपने ऑफिस में भी लगवा सकती है मगर दीदी ने कहा कि मेरे ऑफिस में तो नहीं मगर मेरे बॉस के भाई की कंपनी में मैं तुम्हारी जॉब लगवा सकती हूं

मैंने दीदी से कहा था कि यह तो बहुत अच्छी बात है दीदी ने मेरी जॉब का बंदोबस्त कर लिया था उन्होंने बॉस से मेरे बारे में बात कर ली थी सैलरी वगैरह भी तय हो गई थी पापा की तबीयत में अब पहले से काफी फर्क आ गया था अकेली दीदी की कमाई से ही घर चल रहा था लेकिन अब मैं भी कमाने लग जाती तो और ज्यादा सहारा मिलना था हम लोगों को भैया की बहुत याद आती थी अगर आज हमारे भैया जिंदा होते तो बहुत कामयाब होते वह हम दोनों बहनों से बड़े थे

मम्मी तो उनके लिए लड़कियां तलाश कर रही होती घर में हमारी भाभी आती मगर यह सब तो सिर्फ सपने ही बनकर रह गए थे और भैया एक याद बनकर मम्मी हम लोगों के लिए मजे मजे के खाने बनाया करती थी और घर में रहकर पापा का भी बहुत ख्याल रखती थी जबकि हम दोनों बहनें सुबह को ऑफिस के लिए निकल जाते थे मैं तो शाम को 7:00 बजे तक घर आ जाती थी जबकि दीदी शाम के 5:00 बजे तक घर आ जाती थी मेरी जॉब अभी नईनई थी

इसलिए मुझे वहां पर हार्ड वर्क करना था बॉस का दिल जीतना था तभी तो मैं आगे और कामयाब बन सकती थी मुझे ऑफिस जॉइन किए हुए एक हफ्ता गुजर गया था सब कुछ फिर से बिल्कुल ठीक चल रहा था हम लोग पहले की तरह जिंदगी की तरफ लौट आए थे अब हमारे घर का भी हिसाब किताब ठीक हो गया था क्योंकि भैया की जाने के बाद हमें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था जिसको पहले तो दीदी ने संभाल लिया था

और फिर उसके बाद हम दोनों बहनें मिलकर संभाल रहे थे हम दोनों बहनें हर संडे एक दूसरे की फ्रेंड्स के साथ घूमने भी जाते थे मैं तो ज्यादातर अपने फ्रेंड्स के साथ मूवी देखने जाती थी जबकि दीदी अपनी फ्रेंड्स के साथ शॉपिंग करने जाती थी क्योंकि उन्हें शॉपिंग करने का का बहुत शौक था रात को हम दोनों बहनें एक ही कमरे में सोते थे रात को लगभग आधी रात गुजर जाती थी जब हम दोनों एक दूसरे से बातें करते रहते थे मैं दीदी से पूछती कि आपका ऑफिस में दिन कैसा गुजरा

और दीदी मुझे बताती कि उन्होंने ऑफिस में क्या-क्या किया एक दिन मुझे दीदी ने बताया था कि वह किसी को पसंद करने लगी हैं मैंने दीदी से पूछा कि आखिर वह खुशनसीब कौन है जिसे मेरी दीदी ने पसंद कर लिया है तो दीदी ने मुझे बताया कि उनके ऑफिस की एक दोस्त है उसका भाई है जो हर रोज अपनी बहन को ऑफिस से पिक और ड्रॉप करता है और जब हम सारी फ्रेंड शॉपिंग करने के लिए जाती हैं तब मेरी वह दोस्त अपने भाई से उसकी कार मांग लेती है

और हम सब लोग उसी की कार में बैठकर शॉपिंग करने के लिए जाते हैं मैंने देखा कि वह मुझे देखता रहता है इसका मतलब यही है कि वह मुझे पसंद करने लगा है मैंने दीदी से कहा आपकी दोस्त को इस बारे में पता है क्या तो दीदी कहने लगी कि हां मैंने उसे बताया है कि मुझे ऐसा लगता है जैसे तुम्हारा भाई मुझे पसंद करता है मैंने दीदी को कहा तो फिर आपको देर नहीं करनी चाहिए आपको उससे कहना चाहिए कि वह अपने पेरेंट्स को लेकर यहां आ जाए

और जल्द से जल्द आपकी शादी हो जाए अगर लड़का अच्छा है तो आपकी शादी जल्द ही उससे हो जानी चाहिए दीदी कहने लगी कि हां तुम ठीक कह रही हो मैं अपनी दोस्त से बात करूंगी वैसे तो मेरी दोस्त भी चाहती है कि मैं उसकी भाभी बन जाऊं उसकी और मेरी बहुत अच्छी दोस्ती है वह मुझे बहुत पसंद करती है दीदी ने अगले ही दिन अपने दोस्त से पूछा पूछा था कि वह अपने पेरेंट्स को लेकर हमारे घर कब आ रही है उनकी दोस्त ने बताया कि उनके पेरेंट्स तो नहीं है

वह दोनों भाई-बहन ही एक दूसरे का सहारा है उसने कहा कि वह खुद ही अपने भाई का रिश्ता लेकर हमारे घर आ जाएगी दीदी ने वही सब कुछ घर में मम्मी को बता दिया था और मम्मी से यह भी कह दिया था कि लड़का बहुत अच्छा है और जितना मैं कमाती हूं वह भी लगभग इतना ही कमाता है इस रिश्ते के लिए इंकार नहीं होना चाहिए प्लीज आप लोग इस रिश्ते से हां कर देना मम्मी ने कहा था कि अगर लड़का अच्छा हुआ और हमें सब बातें ठीक लगी तभी हम इस रिश्ते के लिए हां करेंगे दीदी को पूरी उम्मीद थी कि मम्मी पापा को लड़का बहुत पसंद आएगा

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जब दो-तीन दिन के बाद दीदी के दोस्त ने उनसे हमारे घर आने के लिए कहा था दीदी ने जब मुझे बताया कि उनके दोस्त और उसका भाई दो-तीन दिन बाद उनका रिश्ता लेकर हमारे घर आने वाले हैं तब मुझे याद आया कि हमारी टीम को ऑफिस में एक बहुत इंपॉर्टेंट मीटिंग को अटेंड करना है क्योंकि अमेरिका से कुछ लोग हमारे बॉस से करने के लिए आने वाले थे और उसमें हमारा भी शामिल होना बहुत जरूरी था मैंने यह बात दीदी को बताई तो दीदी कहने लगी कि तो प्रॉब्लम हो गई कि तुम उस दिन घर पर नहीं होगी जिस दिन मेरा रिश्ता आने वाला है

मैंने कहा दीदी मैं जानती हूं कि आपका रिश्ता पक्का हो जाएगा वैसे भी अभी तो आपका सिर्फ रिश्ता आ रहा है मगर जब आपकी शादी होगी तो मैं सारे कामकाज छोड़कर सिर्फ अपनी बहन की शादी पर ही ध्यान दूंगी दीदी कहने लगी कि चलो तुम्हारे लिए ऑफिस का काम देखना भी तो जरूरी है अब मैं ऑफिस जा रही थी तो अचानक मेरे मोबाइल पर किसी के मैसेज आना शुरू हो गए पहले तो काफी दिनों तक ब्लैंक मैसेज आते रहे लेकिन फिर बाद में हाय हेलो के मैसेजेस आने लगे या अननोन नंबर से मैसेज आए थे इसलिए मैं रिप्लाई नहीं दे रही थी

मगर फिर जब इतने ढेर सारे मैसेज आने शुरू हो गए तो मैंने ऑफिस में फ्री टाइम में बैठकर रिप्लाई किया और पूछा कि आप कौन हो तो उसने कहा कि मैं तो वो हूं जो तुम्हें बहुत पसंद करता है मन करता है कि तुम्हें हर रोज देखता रहूं तुम बहुत अच्छी हो और जितनी सुंदर हो उतनी ही भोली भी हो मैंने कहा कि तुम कौन हो आखिर यह किस तरह की बातें कर रहे हो तो फिर मैसेज आया कि मैं वह हूं जिसे तुम जानती ही नहीं हो मैं तुम्हें आते-जाते देखता हूं

मैं तुम्हारा दीवाना हो चुका हूं क्योंकि मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं मैंने उसको डर की वजह से मैसेज करना बंद कर दिए क्योंकि मेरे मम्मी पापा हम दोनों बहनों पर बहुत भरोसा करते थे हम दोनों ऐसी थी ही नहीं कि लड़कों से बातें करती इसलिए मैंने उस लड़के का नंबर ब्लॉक कर दिया था कई दिन तक तो मेरे पास उस लड़के के मैसेजेस नहीं आए लेकिन फिर कुछ दिनों के बाद दूसरे नंबर से वोह मैसेज करने लगा और कहने लगा कि तुम मुझसे बात क्यों नहीं करती हो

मेरे मैसेजेस का रिप्लाई क्यों नहीं देती हो लेकिन वह जब भी मुझे नए नंबर से मैसेज करता तो मैं उसे ब्लॉक कर दिया करती थी दीदी का रिश्ता तय हो गया था दीदी के दोस्त ने मम्मी पापा से अपने भाई और दीदी के रिश्ते की बात कर ली थी मम्मी पापा को लड़का बहुत पसंद आया था मैं जब घर आई तो रात को मुझे सब लोगों ने बताया कि लड़का बहुत अच्छा है पढ़ा लिखा है मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता है उनकी शादी में अभी टाइम था

क्योंकि दीदी चाहती थी कि पहले उनका प्रमोशन हो जाए उसके बाद उनकी शादी हो दीदी के दोस्त को इस बात से कोई मतलब नहीं था जबकि दीदी के दोस्त का भी रिश्ता तय हो चुका था उसकी बहन चाहती थी कि अपनी शादी से पहले ही वह अपने भाई की शादी कर दे ताकि उसके भाई का घर बच सके और वह सुकून से अपनी ससुराल में रह सके मैं बहुत खुश थी कि मेरी दीदी का रिश्ता उनकी मर्जी के मुताबिक तय हो गया था शादी की डेट भी फिक्स हो गई थी

मगर एक तरफ मैं परेशान भी थी क्योंकि अभी भी मेरे पास मैसेज आने बंद नहीं हुए थे हर दूसरे तीसरे दिन नए नंबर से मैसेज आने लगे थे वह मुझसे बात करने की जिद करता था मगर मैं उससे कोई बात नहीं करना चाहती थी जितना हो सकता था उसे इग्नोर करने की कोशिश कर रही थी फिलहाल मेरी जॉब बहुत अच्छी चल रही थी दीदी बहुत खुश थी क्योंकि उनकी शादी के दिन करीब आ रहे थे दीदी की शादी की शॉपिंग करने के लिए मैंने ऑफिस से एक हफ्ते की छुट्टी ली थी

मैंने अपने जीजू को फेस टू फेस तो नहीं देखा था क्योंकि जिस दिन मेरे पेरेंट्स लड़के को उसके घर देखने गए थे तबी मैं उनके साथ ऑफिस में ज्यादा काम होने की वजह से नहीं जा सकी थी मुझे दीदी ने फोटो दिखा दिया था लड़का सच में बहुत अच्छा था स्मार्ट था पढ़ा लिखा था मेरी दीदी की चॉइस तो सच में बहुत अच्छी थी मैं जितना खुश अपनी दीदी की शादी से हो रही थी इतना ही दुख मुझे उनका इस घर से चले जाने पर पर भी हो रहा था

लेकिन मैंने सोच लिया था कि मैं इतनी जल्दी शादी नहीं करूंगी और अपने पेरेंट्स को अकेला नहीं छोडूंगी आखिर हम बेटियां ही तो उनका सहारा हैं अगर हम दोनों भी चले गए तो वह दोनों अकेले रह जाएंगे और फिर फाइनली दीदी की शादी का दिन भी आ गया था मैं बहुत अच्छे से तैयार हुई थी बहुत सुंदर लग रही थी मैरिज हॉल में हम सब लोग बारात आने का इंतजार कर रहे थे थोड़ी ही देर गुजरी थी कि बारात भी आ चुकी थी ढेर सारे मेहमान आए हुए थे

बारात आई तो मैं फूलों की थाली लेकर गेट पर खड़ी हो गई थी मैंने अपनी जीजू का स्वागत फूलों से किया था मगर ना जाने क्यों जीजू मुझे बड़े गौर गौर से देख रहे थे उनकी नजरें मेरे चेहरे से हटी नहीं रही थी मुझे देखकर तो उनके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट थी मुझे लगा कि शायद मैं उनकी साली हूं उन्होंने मुझे पहली बार देखा है इसलिए वह ऐसे रिएक्शन दे रहे हैं मगर मैं नहीं जानती थी कि उनका मुझे इस तरह से देखने का तो कुछ और ही मतलब था

पंडित जी ने मंत्र प ने शुरू कर दिए थे दुल्हा दुल्हन को मंडप में बिठा दिया गया था कुछ रस्में होने के बाद पंडित जी ने दुल्हे से मांग में सिंदूर भरने के लिए कहा तो उन्होंने इंकार कर दिया उनके इंकार से तो जहां दीदी की आंखें फटी की फटी रह गई थी वहीं हम सब भी शौक रह गए थे जीजू की अगली बात ने तो जैसे हमारे ऊपर परेशानियों के पहाड़ ही तोड़कर रख दिए थे दीदी ने मेरी तरफ देखा और फिर मैंने देखा जिन आंखों में मेरे लिए बचपन से आज तक मोहब्बत और इज्जत थी

वहां मेरे लिए नफरत दिखाई दे रही थी दुल्हा बनकर बैठे इस इंसान की बात ने हम सबको ही खामोश करके रख दिया था खास शादी के समय ही किसी लड़की को ठुकरा दिया जाए तो वह सारी दुनिया से नफरत करती है और ठुकराने की तकलीफ भी बहुत होती है दीदी जिस लड़की से प्यार करती थी और जिससे उनकी शादी होने जा रही थी विशाल उसने मेरी दीदी से शादी करने पर साफ इंकार कर दिया था उसने कहा था कि मैं इनसे शादी नहीं करूंगा

क्योंकि पिछले न महीने से शादी की तैयारियां होने के बावजूद उसे मेरी दीदी से मोहब्बत नहीं हो पा रही थी जबकि वह किसी और से मोहब्बत करता था उसने कहा था कि वह मुझे देखते ही मेरा दीवाना हो गया उसे नहीं पता था कि मैं इस घर में रहती हूं उसने कहा था कि वह मुझे पसंद करता है मुझसे शादी करना चाहता है मगर इस समय पर उसे यह बात नहीं करनी चाहिए थी वह जिंदगी को अपने हिसाब से जीने वाला इंसान था

बल्कि वह कोई अजीब जिद्दी और सरफिरा इंसान था उसने कहा कि उसे ऐसी लड़कियां पसंद है जो कम उम्र की और मासूम नजर आती हो और जो हंसे तो उनके हंसने से फूल झड़ने लगे उसने कहा कि जब उसने मुझे पहली नजर देखा था वह तभी मेरा दीवाना हो गया था वह नहीं जानता था कि मैं उसकी होने वाली पत्नी की छोटी बहन हूं वह तो यह शादी अपनी बहन की मर्जी से कर रहा था उसने अपनी बहन को कई बार अपनी पसंद बताने की कोशिश की

मगर उसकी बहन तो यही चाहती थी कि उसकी दोस्त ही उसकी भाभी बने लेकिन अब ऐसे मौके पर जब उसने मुझे देख लिया था तो उसे अपनी पसंद बताने का मौका मिल गया था सब लोगों के सामने हमारी बहुत बेइज्जती हो रही थी सब लोग मुझे अजीब नजरों से देख रहे थे दीदी का तो रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था दीदी के दोस्त बार-बार अपने भाई को समझाने की कोशिश कर रही थी मगर वह उससे कहने लगा कि तुम्हारी शादी तो तुम्हारी पसंद से हो रही है

मेरी शादी फिर तुम अपनी पसंद से कैसे करवाना चाहती हो मैं भी चाहता हूं कि मैं अपनी पसंद से शादी करूं मैं शादी करूंगा तो इस लड़की की छोटी बहन से करूंगा वरना नहीं करूंगा यह कहकर उसने सब लोगों को उठने के लिए कहा था बारात में उसके ढेर सारे दोस्त भी आए थे सब लोग बारात वापस लेकर जा चुके थे लेकिन जाने से पहले उसने मेरे पेरेंट से कहा था कि मैं आपकी छोटी बेटी से शादी करना चाहता हूं

मेरे पेरेंट्स ने उसे इतना डांटा इतना जलील किया कि वह खामोशी से हमारे घर से चला गया था भरी महफिल में एक इंसान मेरी बहन को ठुकरा करर चला गया था इससे बड़ा सदमा और क्या हो सकता था था और उस दिन तो मेरे मम्मी पापा फूट-फूट कर रो रहे थे कि अब उनकी बेटी को कौन एक्सेप्ट करेगा तभी हमारे मोहल्ले का एक लड़का सामने आया जिसकी एक मामूली सी नौकरी थी मगर उसने जाहिर किया कि वह दीदी को बहुत पसंद करता है

उसके दिल में आज भी दीदी के लिए इज्जत और मोहब्बत है वह कभी अपनी मामूली सी नौकरी और गरीब होने की वजह से अपनी मोहब्बत का इजहार दीदी से नहीं कर सका क्योंकि दीदी एक पढ़ी लिखी और अच्छी खासी नौकरी करने वाली लड़की है वह जानता था कि दीदी उन्हें मना कर देंगी इसी डर की वजह से वह दीदी से कभी कुछ कह नहीं सका और अब वह मेरे पेरेंट्स से कहने लगा कि मैं आपकी बेटी से शादी करना चाहता हूं

अगर आप लोगों को भी ऐतराज ना हो तो आप इनकी शादी मेरे साथ करवा दो मैं सारी जिंदगी आपकी बेटी को बहुत खुश रखूंगा मेरी सैलरी तो कम है मगर मैं आपकी बेटी को इतना प्यार दूंगा कि उसे हमेशा रानी बनाकर रखूंगा मम्मी पापा को एक उम्मीद की किरण नजर आई थी लड़के के घरवाले भी कहने लगे कि हमारे बेटे की खुशी की खातिर अपनी बेटी का हाथ हमारे बेटे के हाथ में दे दो मम्मी पापा ने सोच विचार किया दीदी से भी इस बारे में बात की गई

दीदी की शादी विशाल से नहीं हो सकी तो क्या हुआ मगर मोहल्ले की लड़के सनी से हो गई थी और फिर दीदी की विदाई का समय आ गया था मेरी दीदी की जोड़ी इसी लड़की के साथ लिखी हुई थी लेकिन मैं दीदी से नजरें नहीं मिला पा रही थी मैं दीदी से गले मिलने के लिए उनके करीब गई तो दीदी ने मेरे मुंह पर एक जोरदार थप्पड़ मार दिया था और कहने लगी कि कभी मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना मुझसे बात करने की कोशिश भी मत करना

उन्हें यही लगता था कि इसमें मेरी गलती है मगर इस समय मेरी कोई गलती नहीं थी मैं तो विशाल को जानती भी नहीं थी शादी में आए हुए सारे ही मेहमान अजीब अजीब बातें कर रहे थे कि जरूर मेरा और विशाल का पहले से ही कुछ चल रहा होगा वरना एक सेकंड में कोई किसी को पसंद करके इतना बड़ा फैसला नहीं लेता सबकी अपनी-अपनी राय थी लेकिन मेरे लिए तो मेरे दीदी की राय ज्यादा अहम थी जो उन्होंने मेरे मुंह पर थप्पड़ मारकर मुझे बता दी थी

उनकी आंखों में आज मेरे लिए नफरत थी और मैं हैरान थी कि मैं मर क्यों नहीं गई दीदी मोहल्ले के लड़के सनी के साथ विदा होकर अपनी ससुराल चली गई थी अगले दिन जब दीदी अपने पति के साथ हमारे घर आई तो मैंने दीदी से रिक्वेस्ट की थी उनसे कहा था कि मैं उस लड़की को नहीं जानती थी मगर दीदी तो मेरी कोई बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं थी मैं अब अपना कसूर ढूंढ ढूंढकर थक गई थी मेरा रोना चिल्लाना अब किसी काम का नहीं रहा था

क्योंकि किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था सबकी जिंदगियां रूटीन पर आ गई थी मम्मी पापा भी मुझसे बात नहीं करते थे क्योंकि उन्हें भी इसमें मेरी ही गलती नजर आती थी अब मैं पूरी तरह से अकेली रह गई थी मैंने जॉब पर जाना शुरू कर दिया था लेकिन इसी दौरान मैंने देखा था कि ऑफिस में एक नया एंप्लॉय जॉब के लिए आया है और यह मुझे काफी अजीब लगता था बड़े अजीब से कपड़े पहनता था इसकी बड़ी सी दाढ़ी और मुछे थी खराब से लिए में आता था

वह अपनी आंखों पर हमेशा काले रंग का चश्मा लगाए रखता था और कहता था कि उसे एलर्जी है लेकिन हमेशा मैंने महसूस किया था कि वह अपने चश्मे की आड़ से मुझे ताकता रहता था और कई बार मैंने उसे खुद को देखते हुए पाया था मैं पहले ही हालात की डसी हुई थी और अब इस एंप्लॉय की हरकतों ने मुझे और ज्यादा डरा कर रख दिया था यह हमेशा किसी ना किसी काम के लिए मेरे केबिन में आता रहता था

मुझसे बात करने की कोशिश करता था और जब मैं किसी काम के लिए अपने केबिन से बाहर निकलती तो मुझे देखता रहता था मैं इसके बारे में किसी को बता भी नहीं पा रही थी इसलिए ही डरते डरते दिन गुजर रहे थे जब एक दिन ऑफिस में बहुत ज्यादा काम था सब लोग ड्यूटी ऑफ होने के बाद जा चुके थे कुछ ऐसे लोग ही रह गए थे जिन्हें अपना काम कंप्लीट करना था उनमें से एक मैं भी थी मैं अपने केबिन में थी मैंने जब चाय ऑर्डर की तो मेरे लिए चाय आई

मैंने जैसे ही चाय पी तो उसके थोड़ी देर के बाद ही मुझे बहुत तेज नींद आने लगी मैं अपनी चेयर पर ही सर टेक करर सो गई थी लेकिन जब मेरी आंख खुली तो मेरे होश उड़ गए थे क्योंकि मैं एक अजीब सी जगह पर थी यह किसी का घर था मगर यह किसका घर था मैं यह नहीं जानती थी मैं एक कमरे में मौजूद थी मैं चिल्लाने लगी कि मैं यहां पर कैसे आई तभी वही एंप्लॉय कमरे के अंदर आया और कहने लगा कि तुम जाग गई हो चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ

उसने लाल रंग का लहंगा मेरे हाथ में दिया और कहने लगा कि इसे पहन लो मैं कहने लगी कि तुम यह क्या कर रहे हो मुझे यहां पर कौन लेकर आया है मैं तो अपने ऑफिस में काम कर रही थी तो वह कहने लगा कि अब तुम तुम्हारी मेरे साथ शादी होगी उसकी बात सुनकर मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी उसने कहा कि मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहता हूं मैंने कहा तुम कौन हो और यह क्या बकवास कर रहे हो मुझे जाने दो मैं वहां से भागने की कोशिश कर रही थी

जब उसने मुझे पकड़ लिया और मुझे पकड़कर कहने लगा कि खामोशी से यह कपड़े पहन लो वरना मैं तुम्हारे साथ जबरदस्ती भी कर सकता हूं उसने मुझे डरा दिया था वहां पर मेरे पास भागने का कोई रास्ता नहीं था इसलिए मजबूरन मैंने वह कपड़े पहन लिए थे और तैयार होकर जैसे ही मैं कमरे से बाहर निकली तो यह देखकर मेरी आंखें फटी रह गई थी कि बाहर दो-तीन लोग बैठे हुए थे पंडित जी ने मंडप सजाया हुआ था अग्नि जल रही थी

और पंडित जी मंत्र पढ़ रहे थे यह एंप्लॉय मुझसे शादी करना चाहता था मगर मैं बहुत रो रही थी मैं उससे शादी नहीं कर सकती थी मुझे अपने घर जाना था इस वक्त रात के 2:00 बज रहे थे उसने कहा कि तुम्हें मेरे साथ अभी ही शादी करनी होगी मैंने कहा कि प्लीज मुझे जाने दो तो वह कहने लगा कि तुम मेरे साथ शादी कर लो फिर मैं तुम्हें खुद हिफाजत से तुम्हारे घर तक पहुंचा हंगा उसने मुझे नहीं बताया कि वह मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहा है

और फिर जबरदस्ती डरा धमका कर उसने मेरे साथ शादी कर ली शादी होने के बाद मुझ पर एक और सच्चाई खुली थी जब उसने अपनी दाढ़ी मूछ हटा दी इसका मतलब यह था कि ये मेरे ऑफिस में काम करने वाला वह एंप्लॉय कोई और नहीं बल्कि वही इंसान था जिसे मैं बहुत अच्छी तरह से जानती थी आखिर मैं इसको कैसे भूल सकती थी यही तो वह इंसान है जिसने मेरी बहन के दिल में मेरे लिए नफरत भर दी है

यह विशाल था जो भेज बदलकर मेरी कंपनी में नौकरी कर रहा था मैं धीरे-धीरे इसके करीब गई और मैंने इसके मुंह पर एक जोरदार थप्पड़ मार दिया और कहा कि घटिया इंसान तुमने यह सब क्या कर दिया तुमने मुझे किडनैप करके जबरदस्ती मेरे साथ शादी कर ली वह कहने लगा कि मैं क्या करूं तुम मुझसे शादी करने के लिए तैयार ही नहीं हो रही थी मैं तुमसे प्यार प्यार करता हूं तुम्हें याद है कि तुम्हारे नंबर पर मैसेज आते थे वह मैसेज भी मैं ही तुम्हें किया करता था

तुम अपने ऑफिस जाती थी तो मैं तुम्हें देखता था जिस ऑफिस में तुम काम करती हो वह ऑफिस मेरे दोस्त का है मैं अपने दोस्त से मिलने के लिए कभी-कभी उसके ऑफिस जाता था क्योंकि मैं खुद भी एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूं मैं तुम्हें पसंद करने लगा था तुम्हारे ऑफिस से ही मुझे तुम्हारा नंबर मिला था तुमसे बात करने की बहुत कोशिश की सोचा कि मैं तुम्हें मैसेज करूंगा तुम्हें अपनी बातों में लेने की कोशिश करूंगा तो तुम भी पलटक मुझे जवाब दोगी

मुझसे प्यार करने लगोगी मगर तुमने पलटकर मुझे कभी कोई जवाब ही नहीं दिया इतने में ही मेरी बहन ने मेरे लिए रिश्ता तलाश करना शुरू कर दिया मैंने उसे मना भी किया था कि मैं तुम्हारी पसंद की लड़की से शादी नहीं करना चाहता मगर वह मेरी बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं हो रही थी और फिर उसकी खुशी की खातिर मैं शादी करने के लिए तैयार हो गया था मगर मैंने जब अपनी शादी वाले दिन तुम्हें देखा तो फिर से मेरा दिल तुम्हें चाहने लगा

मैं चाहकर भी तुम्हें नहीं भूल पा रहा था इसलिए मैंने तुम्हारी बहन से शादी करने के लिए इंकार कर दिया और तुमसे शादी करने के लिए कहा मगर वहां पर तो एक नया ही हंगामा शुरू हो गया था मैं जानता हूं कि तुम्हारे घर वाले तुम्हारी शादी मेरे साथ इतनी आसानी से नहीं करवाते इसीलिए मैंने यह तरीका अपनाया मैंने फिर से इस समय उसके मुंह पर एक और थप्पड़ मार दिया और कहा कि तुम्हें पता है कि तुम्हारी इस गलती ने मेरी पूरी जिंदगी तबाह कर दी

मेरी बहन मुझसे नफरत करती है मेरे घरवाले मुझे गलत समझते हैं तो वह कहने लगा कि अब तुम्हें कोई कुछ नहीं कह सकता तुम मेरी पत्नी हो मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देता हूं दो दिन बाद मैं खुद अपनी बहन को लेकर इज्जत से तुम्हें विदा करवाकर तुम्हारे घर से ले जाऊंगा वह मुझे मेरे घर पर छोड़ गया था मैं बहुत रो रही थी मैंने अपने कपड़े चेंज कर लिए थे क्योंकि मैं अपने घर वालों का ऐसी हालत में सामना नहीं कर सकती थी पहले ही उनके दिल में मेरे लिए काफी शक बैठ गया था

मेरी मम्मी बहुत परेशान थी मैंने देख खा कि वह दरवाजे पर ही इधर-उधर टहल रही थी मम्मी ने मुझे देखा तो वह कहने लगी कि तुम कहां रह गई थी मैं कब से तुम्हारा इंतजार कर रही हूं मैं तुम्हारी वजह से बहुत परेशान हो गई हूं आखिर तुम सारी रात कहां रही हो तुम्हें पता भी है कि सुबह के 4:00 बज रहे हैं तुम्हारे पापा को तो मैंने तसल्ली देकर सुला दिया वह बार-बार तुम्हारा पूछ रहे थे मम्मी कहने लगी कि मैं तुम्हारी तरफ से बहुत परेशान हो गई हूं मैं जल्दी तुम्हारी भी शादी कर दूंगी

मैंने मम्मी से कहा कि मम्मी प्लीज ऐसा मत करना अब मैं मम्मी को क्या बताती कि मेरी शादी तो हो चुकी है और उसी इंसान के साथ हुई है जिसने सबके दिल में मेरे साथ अपना अफेयर होने का शक बिठा दिया है मैं किसी का सामना करने के लायक नहीं रही थी मैं अपने कमरे में आकर बहुत रोई थी सुबह मेरी जॉब पर जाने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी

इसलिए मैंने छुट्टी कर ली थी मगर अगले दिन मम्मी ने मुझे शॉक कर दिया था जब उन्होंने अपनी दोस्त के बेटे से मेरा रिश्ता तय करने की बात कही उन्होंने कहा था कि उनकी एक दोस्त अपने बेटे के लिए रिश्ता लेकर हमारे घर आ रही है मैंने मम्मी से कहा कि मम्मी मैं आप लोगों को छोड़कर नहीं जा सकती अगर मेरी भी शादी हो गई तो फिर आप लोग कैसे रहेंगे मैं जॉब करना चाहती हूं अभी आप लोगों का सहारा बनना चाहती हूं तो मम्मी कहने लगी कि तुम पहले ही हमारे लिए काफी कुछ कर चुकी हो

इसलिए बेहतर यही होगा कि तुम शादी करके अपने ससुराल चली जाओ रही बात हमारी तो हम दोनों पति-पत्नी अपना गुजारा कैसे करेंगे तो तुम्हारे जाने के बाद हम ऊपर वाले पोर्शन को रेंट पर दे देंगे ऊपर छह रूम बने हुए हैं अच्छा खासा किराया आ जाएगा और हमारा गुजारा हो जाएगा आखिर हम कब तक तुमसे नौकरी करवाते रहेंगे एक ना एक दिन तुम्हारी शादी तो होनी ही है मैंने मम्मी से बहुत कहा था कि वह मेरी शादी ना करवाएं

मगर वह मेरी एक भी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थी मैंने पापा से भी बात की थी लेकिन पापा तो मुझसे कोई बात कर ही नहीं रहे थे इन सबको यही लगता था कि मेरा विशाल के साथ कुछ चल रहा था मैं बहुत परेशान थी बहुत डिप्रेशन का शिकार हो रही थी घर में कोई मुझसे ढंग से बात नहीं करता था मम्मी ने मेरा रिश्ता पक्का कर दिया था मेरे दिन रात बड़ी बेचैनी से गुजर रहे थे अब तो मैं जॉब पर भी नहीं जा रही थी किसी से बात भी नहीं करती थी

बोर होती तो कभी-कभी मोबाइल खोलकर बैठ जाती थी विशाल ने मुझसे कहा था कि वह दो-तीन दिन बाद मेरे घर अपनी बहन को लेकर आएगा मगर वह अभी तक नहीं आया था मैंने विशाल का नंबर भी ट्राई किया था मगर उसका नंबर लगही नहीं नहीं रहा था मैं चाहती थी कि विशाल की बहन से बात करूं मगर उसकी बहन का नंबर मेरे पास नहीं था दीदी से मैं विशाल की बहन का नंबर ले नहीं सकती थी क्योंकि दीदी पहले ही मुझसे बात नहीं कर रही थी

और फिर उन्हें पता चल जाता कि मेरी शादी विशाल के साथ हो चुकी है तो वह मुझ पर और ज्यादा भड़कती फिर तो यह बात क्लियर हो जाती कि जरूर मेरा और विशाल का पहले कोई रिश्ता रहा है और हम दोनों ने अपने उस रिश्ते को कायम भी कर लिया है मैं एक बहुत बड़ी मुसीबत में फंस चुकी थी कई दिन गुजर गए थे विशाल अभी तक नहीं आया था इधर मम्मी मेरी शादी करने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार थी मैंने मम्मी से मना किया था

तो मम्मी ने मुझे मर जाने की धमकी दी और कहने लगी कि अगर तुमने इस शादी से इंकार किया तो मैं जहर खा लूंगी मैं जानती हूं कि तुम विशाल से प्यार करती हो तभी तो विशाल ने तुम्हारी बहन को ठुकरा दिया मैंने मम्मी से कहा था कि नहीं मम्मी मैं तो उसको जानती भी नहीं थी आप लोगों को गलतफहमी हो रही है मगर मेरी बात का यकीन तो कोई भी करने के लिए त र नहीं था जब मम्मी ने मरने की धमकी दे दी तो मुझे खामोश होना पड़ गया था

क्योंकि अब मैं विशाल का इंतजार करने के अलावा कुछ और नहीं कर सकती थी मैंने विशाल को ढूंढने की भी बहुत कोशिश की थी मैंने अपने ऑफिस में अपने बॉस को कांटेक्ट किया और उनको भी विशाल के बारे में बताया तो उन्होंने भी कहा था कि उन्हें विशाल के बारे में कुछ नहीं पता उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें विशाल के बारे में कुछ पता चलता है तो वह फौरन ही मुझे बता देंगे मगर काफी दिन गुजर गए थे मेरी शद शादी का समय आ गया था

मुझे दुल्हन बना दिया गया था लेकिन मैं तो पहले ही किसी और की पत्नी थी भला मैं दूसरी शादी कैसे कर सकती थी विशाल ने जबरदस्ती मेरे साथ शादी जरूर की थी लेकिन उसके नाम का सिंदूर मेरी मांग में था और उसके नाम का मंगलसूत्र भी मैं पहने हुए थी जिसको मैं काफी दिनों से अपने घर वालों से छुपा रही थी मैं चाहती थी कि यह बात सबके सामने तभी खुले जब विशाल खुद आकर मेरे घर वालों को सारी सच्चाई बताए

मगर यह राज तो दिन बदिरा चला जा रहा था आने वाला समय मेरे लिए बहुत कठिन था क्योंकि अब मुझे उसी मांग में किसी दूसरे के नाम का सिंदूर भरना था बारात आ चुकी थी मुझे दुल्हन बनकर मंडप में बिठा दिया गया था मैं फूट-फूट कर रो रही थी और विशाल को बहुत याद कर रही थी मेरे साथ फेरे होने शुरू हुए मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं मैं मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रही थी कि किसी भी तरह से विशाल आ जाए और फिर भगवान ने मेरी प्रार्थना सुन ली

और मौके पर ही विशाल हमारे घर पहुंच गया था विशाल को देखकर सब लोग बहुत दंग रह गए थे क्योंकि सबको यकीन नहीं आ रहा था कि वह ऐसे मौके पर फिर से आ सकता है विशाल ने मेरे घर वालों को बताया कि आप लोग यह क्या कर रहे हैं यह मेरी पत्नी है मैं इससे शादी कर चुका हूं मम्मी पापा ने मुझे फटी फटी आंखों से देखा था लड़के वाले मुझे बुरा भला कह रहे थे और फिर हुआ ऐसा कि पूरी की पूरी बारात ही वापस लौट गई थी

इस बार भी हम लोगों की बहुत बेइज्जती हुई थी मेरे मम्मी पापा ने विशाल से कहा कि तुमने हमारी बेइज्जती करने का ठेका ले लिया है क्या हमारी बड़ी बेटी की बारात भी वापस लौट गई और अब छोटी बेटी की बारात भी वापस चली गई आखिर तुम चाहते क्या हो तो विशाल ने बताया कि मैं आपकी बेटी को बहुत पसंद करता था मेरी बहन की जिद्द की वजह से कि वह अपनी दोस्त को अपनी भाभी बनाना चाहती है मैं इसीलिए खामोश रहा मैंने नैना को अपने दिल से निकाल दिया था

लेकिन जब आपकी बड़ी बेटी के साथ मेरी शादी होने जा रही थी और मैंने जब अपनी आंखों के सामने नैना को देखा तो मैं सब कुछ भूल गया था और मैंने सोच लिया था कि मैं नैना से ही शादी करूंगा मैं तो इसे पसंद करता था इसको मैसेज भी किया करता था मगर इसने कभी मेरी मोहब्बत का इजहार एक्सेप्ट ही नहीं किया इसलिए मैंने आपकी बेटी को उसके ऑफिस से किडनैप करके उसके साथ शादी कर ली

मैं इसे दो-तीन दिन बाद आकर खुद यहां से ले जाने वाला था और आप लोगों को खुद सारी हकीकत बताने वाला था मगर मेरा एक्सीडेंट हो गया जिसकी वजह से मैं बहुत घायल हो गया था मैं कई दिनों तक अस्पताल में रहा मगर मुझे पता चला कि की शादी होने जा रही है इसलिए मैं फौरन भागते हुए अपनी पत्नी को बचाने आया हूं विशाल ने सब लोगों के सामने हाथ जोड़कर अपने किए की माफी मांगी थी उसने कहा था कि मैं जानता हूं कि मेरी वजह से आप लोगों की बहुत बेइज्जती हुई है

लेकिन मैं नैना को पाना चाहता था इसलिए शायद मेरा तरीका गलत था मगर मेरा मन बिल्कुल साफ है मैं नैना को सारी जिंदगी बहुत खुश रखूंगा मेरी शादी में दीदी भी आई हुई थी दीदी मुझे फटी फटी नजरों से देख रही थी मैं रो रही थी विशाल ने सबको सब कुछ बता दिया था कि सब में नैना की कोई गलती नहीं है मैंने नैना से बात करने की बहुत कोशिश की मगर नैना ने कभी मुझसे बात ही नहीं की वो एक शरीफ लड़की है

मेरी वजह से सारे इल्जाम इस बेचारी पर आ गए मगर मैं नहीं चाहता कि आप लोग उसे गलत समझे आप लोग प्लीज उसे मेरे साथ भेज दें क्योंकि अब वह मेरी पत्नी है मम्मी पापा उस दिन भी बहुत रोए थे सब लोगों ने आपस में बैठकर डिस्कशन किया था और फिर डिसीजन यही निकला था कि मुझे विशाल के साथ भेज दिया जाए क्योंकि मेरी उसके साथ अब शादी हो चुकी थी अब कुछ भी नहीं हो सकता था मैं उसी की थी मेरे पेरेंट्स ने मुझे विशाल के साथ विदा तो कर दिया था

लेकिन काफी समय तक मुझे और विशाल को किसी ने माफ नहीं किया सब लोग हमसे नाराज रहे थे मैं भी काफी लंबे समय तक विशाल से नाराज रही थी विशाल की बहन भी उससे कोई बात नहीं करती थी फिर वक्त के साथ-साथ कहते हैं ना कि सब लोग ठीक हो जाते हैं विशाल ने मुझे शादी के बाद इतना खुश रखा कि मेरे दिल से उसकी नाराजगी खत्म हो गई थी विशाल ने अपनी बहन की शादी कर दी थी और वह भी विदा होकर अपनी ससुराल चली गई

लेकिन जब ससुराल जाने के बाद उसे अपने भाई की याद आई तो उसने भी अपने भाई को माफ कर दिया था शादी के एक साल के बाद जब मुझे मां बनने की खुशी मिली और मैं यह खुशी सुनाने के लिए अपने मायके गई तो मम्मी पापा और दीदी ने भी मुझे माफ कर दिया था और इस तरह आज मैं अपने पति के साथ एक खुशहाल जिंदगी गुजार रही हूं अगर आप किसी को पाना चाहते हैं उससे मोहब्बत करते हैं

आपको लगता है कि वह इंसान आपको इतनी आसानी से नहीं मिल सकता तो आप उसको पाने के लिए प्रार्थना करें भगवान सबकी सुनता है मगर कभी भी कुछ ऐसा ना करें जिसकी वजह से बाकियों को नुकसान पहुंचे या किसी की फीलिंग्लेस नहीं रहता विशाल को हम सबने माफ कर दिया था तभी वह आज मेरे साथ खुश है लेकिन कुछ जख्म ऐसे होते हैं जो दिल से कभी नहीं जाते मेरी दीदी अपने पति के साथ बहुत खुश है

अगर कभी वह अपने पति के साथ खुश नहीं होती और वह अपनी बहन को खुश देखती तो शायद उनके दिल पर लगा हुआ जख्म कभी उन्हें विशाल को माफ करने पर मजबूर ना करता दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको हमारी कहानी पसंद आई होगी

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